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कांग्रेस सत्ता में भगवा आतंकी बता सीने पर मारे थे बूट; अब उन्ही सैन्य अधिकारी ने मांगी मोर्चे पर जाने की अनुमति... पाकिस्तान के नाश में शामिल होना चाहते हैं मेजर रमेशचंद्र उपाध्याय

ये है वो असली देशभक्त

Sumant Kashyap
  • May 8 2025 11:40AM

ये है वो असली देशभक्त, जिसे कांग्रेस सरकार ने आतंकवादी साबित करने की कोशिश की थी. मालेगांव ब्लास्ट केस में मेजर रमेशचंद्र उपाध्याय को झूठे आरोपों में फंसाया गया था. शरद पवार और तत्कालीन गृह मंत्री सुशील शिंदे ने "भगवा आतंकवाद" का राग अलापा था. महाराष्ट्र ATS ने देश के इस वीर सपूत को इतना टॉर्चर किया कि उसकी रीढ़ की हड्डी तक तोड़ने की कोशिश की गई. सीने पर बूटों से मारा गया. ज़ुल्म की सारी हदें पार कर दी गईं.

लेकिन अब वही 73 वर्षीय मेजर रमेशचंद्र उपाध्याय फिर से सीमा पर जाने को तैयार हैं. बताते चले कि (3 मई 2025) को उन्होंने थलसेनाध्यक्ष को पत्र लिखते हुए कहा है कि महोदय, थोड़ी ताकत बची है, अनुभव अपार है. आर्टिलरी रेजिमेंट के सभी ऑपरेशन्स में पारंगत हूं. मुझे पाकिस्तान के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ने की अनुमति दी जाए. उन्होंने आगे लिखा कि मैं 73 साल का युवा हूं, शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हूं. मैं एक बार फिर देश की सेवा करने के लिए उत्सुक हूं और आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मेरे प्रस्ताव पर विचार करें.

सोचिए जिसे कांग्रेस सरकार ने गुनहगार बनाया, जो ज़िंदगी के सबसे सुनहरे सालों में अपमान और अत्याचार सहता रहा, वो आज भी देश के लिए मर-मिटने को तैयार है. यह सिर्फ एक सैनिक की नहीं, बल्कि हिन्दुस्थान की आत्मा की आवाज़ है. क्या अब वक्त नहीं कि कांग्रेस को इस साजिश के लिए देश से माफ़ी मांगनी चाहिए? क्या देश से गद्दारी करने वालों को जवाब नहीं देना चाहिए?

जानकारी के लिए बता दें कि आज से ठीक 7 साल पहले, सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके जी ने 'बिंदास बोल' शो में मेजर रमेशचंद्र उपाध्याय की कहानी देश के सामने रखी थी. उन्होंने बताया था कि कैसे इस देशभक्त सैनिक को कांग्रेस शासन में टॉर्चर किया गया, मानसिक और शारीरिक रूप से बुरी तरह प्रताड़ित किया गया. मेजर उपाध्याय ने शो में भावुक होकर बताया था कि उन्हें जबरन उठाकर ले जाया गया और गिरफ्तारी के चार दिन बाद उनके परिवार को इस बारे में बताया गया.

मेजर रमेशचंद्र उपाध्याय परिवार को गहरी मानसिक पीड़ा से गुज़रना पड़ा. न सिर्फ उन्हें, बल्कि पूरा परिवार मानसिक, सामाजिक और आर्थिक तौर पर तोड़ने की कोशिश की गई. 'बिंदास बोल' में सुरेश चव्हाणके जी ने साफ कहा था ये सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं था, ये देश की सेना, उसकी वर्दी और उसके सम्मान पर हमला था. कांग्रेस की तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति के चलते, भगवा रंग और राष्ट्रवाद को बदनाम करने की साज़िश रची गई.
मेजर उपाध्याय की पीड़ा उसी साजिश की एक सच्ची मिसाल है.


  

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