भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय और अमित मालवीय के खिलाफ पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. बीजेपी के इन दोनों नेताओं के ट्वीट को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है. कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रभारी भी हैं जिनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है.
इससे पहले, पश्चिम बंगाल में बीजेपी के दो सासंद लॉकेट चटर्जी और अर्जुन सिंह पर हिंसा भड़काने का आरोप लग चुका है. सांसदों पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर हुगली जिले के तेलीनिपारा गांव में हिंसा भड़काई थी.
सांसदों के खिलाफ चांदनगर पुलिस कमिश्नरेट में मामला दर्ज किया गया है. दोनों सांसदों को एक नोटिस भी जारी किया गया है जिसमें कहा गया था कि इस मामले में सांसदों को 22 मई को पेश होना होगा जिसमें उनसे हिंसा मामले में पूछताछ की जाएगी. यह नोटिस इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस सौरव बंधोपाध्याय की ओर जारी किया गया है.
दरअसल, तेलीनिपारा गांव में दो समुदाय एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए थे. बीते सप्ताह तेलीनिपारा गांव में एक समुदाय ने दूसरे समुदाय को तंज भरे लहजे में कोरोना कहकर संबोधित किया था. इसके बाद दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई थी. इस दौरान बम फेंके जाने की खबर सामने आई थी.
दो पक्षों में हुई थी हिंसक झड़प
समचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक तेलीनिपारा और इसके आस-पास के चंदननगर और श्रीरामपुर इलाकों में बम फेंके गए और दुकानों में तोड़फोड़ की गई, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उपद्रवियों पर लाठीचार्ज किया. घटना के संबंध में कम से कम 129 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
हिंसा प्रभावित इलाके में लगी थी धारा 144
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले सप्ताह कहा था कि झड़पों में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस झड़प के बाद हुगली जिले में धारा 144 लगानी पड़ गई थी. फिलहाल इलाके में शांति है. अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई थीं.