उत्तर प्रदेश का राज्यसभा चुनाव पल-पल रंग बदल रहा है। बसपा के रामजी गौतम का पर्चा सही पाया गया है, जबकि निर्दलीय प्रकाश बजाज का पर्चा खारिज हो गया है। वह भी तब जबकि रामजी गौतम के पर्चे को खारिज होने की सबको संभावना लग रही थी। क्योंकि रामजी के प्रस्तावकों में से 5 प्रस्तावकों ने आज दिन की शुरुआत में ही अपना प्रस्ताव वापस लेकर हड़कंप मचा दिया था। न सिर्फ प्रस्ताव वापस लिया बल्कि इन प्रस्तावक विधायकों ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात तक कर डाली थी।
दरअसल रामजी ने नामांकन के तीन सेट दाखिल किए थे। उन तीन सेटों में से दो सेटों में बगावती विधायक प्रस्तावक थे, जबकि तीसरे सेट में इन बागी विधायकों में कोई नहीं था। बस इसी तीसरे सेट की वजह से रामजी पास हो गए। जबकि निर्दलीय परंतु सपा समर्थित माने जा रहे प्रकाश बजाज सेट पर हस्ताक्षर करते वक्त प्रकाश बाजपेई लिख बैठे। हालांकि प्रकाश का कहना है कि वह मामले को हाईकोर्ट की चौखट तक ले जाएंगे। कोर्ट भी इस मामले का तत्काल कोई निपटारा कर देगी जानकार इससे इनकार कर रहे हैं।
अब बसपा प्रत्याशी का पर्चा पास हो जाना और प्रकाश बजाज का निरस्त हो जाना सपा अध्यक्ष अखिलेश के लिए दयनीय स्थिति बना रहा है। क्योंकि कहा जा रहा था कि बजाज के लिए ही सपा ने आज सारे दिन उठापटक की थी। माया के विधायकों को बागी तक बना लिया। इस उठापठक में अखिलेश माया पर भारी लग रहे थे, परंतु अब हल्के से भी हल्के लगने लगे हैं।
ये उठापटक और दांवपेंच सिर्फ सपा-बसपा में चल रही है, ऐसा भी नहीं है। 9 सीटों पर जीतने की संभावना वाली पार्टी भाजपा ने ही सबसे पहले सिर्फ 8 प्रत्याशी उतारकर राजनीतिक पंडितों को चकित कर दिया था। माना जा रहा था कि इस तरह भाजपा बसपा को एक सुरक्षित रास्ता दे रही थी।