उनके माता पिता भले ही ईसाई मिशनरियों के झांसे में आकर अपने धर्म से विमुख हो गए थे. लेकिन इसके बाद भी उनके मन में कहीं न कहीं अपनी जड़ों से, सनातनी सभ्यता व संस्कारों से लगाव बचा हुआ था. वो चर्च में जाते थे, लेकिन फिर भी उनके दिल में कहीं न कहीं हिंदुत्व धड़कता था, सनातन धड़कता था.
आखिरकार उन्होंने अपने माता पिता द्वारा 50 वर्ष की गई भूल को सुधार लिया तथा सपरिवार ईसाइयत छोड़ सनातन में घर वापसी कर ली. मामला कर्नाटक के याद्गीर जिले का है जहां 50 साल पहले टिमोथी होसमानी नाम के व्यक्ति के परिजनों ने धर्मान्तरण कर ईसाई धर्म को अपना लिया था. उस वक्त होसमानी बहुत ही छोटे थे, लेकिन अब 50 साल बीतने के बाद 55 वर्षीय टिमोथी होसमानी ने हिंदू धर्म में घर वापसी की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरू से करीब 500 किलोमीटर दूर स्थित गुरमिटकल तहसील के कनिकल गाँव के रहने वाले टिमोथी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें ये तो नहीं पता कि उनके माता-पिता ज्ञानमित्र और सौभाग्य ने किन परिस्थितियों में ईसाईयत को अपनाया था। लेकिन अब वो अपने धर्म में फिर से घर वापसी कर रहे हैं.
होसमानी के मुताबिक, 10 साल पहले उनके पिता और 6 साल पहले उनकी माँ की मृत्यु हो गई थी। शख्स ने बताया कि वो और उसका परिवार एससी समुदाय से आते थे. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी शारदम्मा (50), बेटा अभिषेक, ज्ञानमित्र और नील आर्मस्ट्रॉंग बीते कई साल से हिंदू धर्म और हिंदू परंपराओं को करीब से देख रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि उनका बड़ा बेटा बेंगलुरू में श्रमिक के तौर पर काम करता है, जबकि दो अन्य अभी पढ़ाई कर रहे हैं.
कहा जा रहा है कि टिमोथी होसमानी के माता-पिता उसके हिंदू धर्म अपनाने के खिलाफ थे लेकिन आखिरकार उन्हें मना लिया. लेकिन अब परिवार कानूनी तौर पर भी हिंदू धर्म में घर वापसी की तैयारी कर रहा है. बता दें कि कर्नाटक में इससे पहले भी कई परिवार सनातन में घर वापसी कर चुके हैं.