पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) की मार्केटिंग में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास में मोदी सरकार ने तेल के थोक और खुदरा मार्केटिंग के लिए दिशानिर्देशों को आसान बनाया है. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार, पेट्रोल और डीजल के रिटेल ऑथोराइजेशन के लिए, एक फर्म को कम से कम 100 रिटेल आउटलेट्स खोलने होंगे और आवेदन करते समय मिनिमम नेटवर्थ 250 करोड़ रुपए होने चाहिए. वहीं जो फर्म रिटेल और बल्क दोनों ग्राहकों को तेल बिक्री का लाइसेंस चाहती हैं उनका न्यूनतम नेटवर्थ आवेदन के समय 500 करोड़ रुपए होना चाहिए.सरकार का कहना है कि पॉलिसी ने पहले से लागू सख्त शर्तों को हटाकर पेट्रोलियम उत्पादों की मार्केटिंग सेक्टर को खोल दिया है और इससे देश में ट्रांसपोर्ट फ्यूल की मार्केटिंग में क्रांति लाई जा सकती है.
मतलब साफ है कि सरकार ने पेट्रोल रिटेलिंग (Petrol Retailing) के नियम आसान कर दिए है. ऐसे में आपके पास भी पेट्रोल पंप खोलने का मौका है. अगर आपके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं और आपके नाम पर जमीन नहीं है, तो भी अब आप पेट्रोल पंप डीलरशिप के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
क्या बदले नियम
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने नवंबर, 2019 की उदारीकृत लाइसेंस व्यवस्था पर एक वक्तव्य में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि 250 करोड़ रुपये नेटवर्थ तक की इकाई या तो थोक या फिर केवल खुदरा ग्राहकों को ही पेट्रोल ओर डीजल की बिक्री का लाइसेंस प्राप्त कर सकती है. बयान में कहा गया है कि जो इकाइयां खुदरा और थोक दोनों ग्राहकों को ईंधन बिक्री का लाइसेंस चाहती हैं उनका न्यूनतम नेटवर्थ आवेदन के समय 500 करोड़ रुपये होना चाहिए.
इस बारे में आवेदन तय फॉर्म में सीधे मंत्रालय को किया जा सकता है. खुदरा बिक्री के लिए इकाइयों को कम से कम 100 खुदरा बिक्री केन्द्र स्थापित करने होंगे. नवंबर, 2019 की अधिसूचना के अनुसार इन कंपनियों के लिए परिचालन शुरू करने के तीन साल के भीतर कम से कम एक वैकल्पिक ईंधन मसलन सीएनजी, एलएनजी या जैव ईंधन या इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग सुविधाओं को लगाना अनिवार्य होगा. खुदरा विक्रेताओं को पांच साल में कम से पांच प्रतिशत बिक्री केन्द्र ग्रामीण इलाकों में स्थापित करने होंगे.
अब तक भारत में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की रिटेल मार्केटिंग PSU ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) द्वारा किया जाता है, जो इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL), मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL), भारत ओमान रिफाइनरीज़ लिमिटेड (BORL) और कुछ निजी कंपनियों जैसे Reliance, Essar, और Shell द्वारा की जाती है.
पेट्रोल पंप खोलने से जुड़ी अहम जानकारी-
>> पेट्रोल पंप खोलने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है. साथ ही, इसके लिए उम्र की सीमा 21 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए और कम से कम 10वीं तक की एजुकेशन पूरी होनी चाहिए. कंपनी पेट्रोल पंप खोलने को लेकर विज्ञापन अखबार में जारी किया जाता है.
>> पेट्रोल पंप खोलने के लिए सबसे पहली जरूरत जमीन की होती है. स्टेट या नेशनल हाइवे पर कम से कम 1200 से 1600 वर्गमीटर जमीन होनी चाहिए. वहीं शहरी क्षेत्र में पेट्रोल पंप खोल रहे हैं तो कम से कम 800 वर्गमीटर जगह होनी जरूरी है. अगर खुद के नाम पर जमीन नहीं है तो लीज पर भी जमीन ली जा सकती है. इसके कागजात कंपनी को दिखाने होंगे.
>> परिवार के किसी सदस्य के नाम पर भी जमीन है, तब भी पेट्रोल पंप की डीलरशिप के लिए अप्लाई किया जा सकता है. एग्रीकल्चर लैंड है तो उसका कन्वर्जन करवाना होता है. प्रॉपर्टी के नक्शे सहित जमीन से जुड़े सभी कागजात, एनओसी कंपनी अधिकारी निरीक्षण के दौरान देखते हैं.
>> अगर आपके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं और आपके नाम पर जमीन नहीं है तो भी अब आप पेट्रोल पंप के लिए आवेदन कर सकते हैं. नई गाइडलाइंस में पेट्रोल पंप आवेनदकर्ता के पास फंड की जरूरत को समाप्त कर दिया गया है.
>> इसके अलावा जमीन के मालिकाना हक को लेकर नियमों में छूट दी गई है. अब तक शहरी इलाकों में पेट्रोल पंप के लिए 25 लाख रुपए का बैंक डिपॉजिट और ग्रामीण क्षेत्रों में पेट्रोल पंप खोलने के लिए 12 लाख रुपए का डिपॉजिट होना जरूरी था.