छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक छात्र की चोटी को लेकर हंगामा हो गया है. दरअसल स्कूल प्रशासन ने छात्र को चोटी काटने को कहा लेकिन छात्र ने चोटी को संस्कृति का प्रतीक बताते हुए इसे काटने से इंकार कर दिया. इस पर स्कूल प्रशासन ने छात्र के विद्यालय आने पर रोक लगा दी है. जिसे लेकर भाजपा युवा मोर्चा ने हंगामा कर दिया है. एसडीएम जितेंद्र यादव ने बताया कि आगे स्कूल प्रबंधन द्वारा ऐसी गतिविधि की जाती है तो स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी.
क्या है मामला
मामला कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर ब्लॉक में स्थित सेंट जोसेफ स्कूल का है. स्कूल में हायर सेकेंडरी में पढ़ने वाले एक छात्र अंश तिवारी को स्कूल के प्रिंसिपल ने चोटी काटकर स्कूल आने को कहा था. हालांकि अंश ने चोटी को संस्कृति का प्रतीक बताते हुए इसे काटने से इंकार कर दिया. इससे नाराज होकर स्कूल प्रबंधन ने छात्र को स्कूल में आने पर रोक लगा दी.
बताया जा रहा है कि इससे परेशान होकर छात्र अंश तिवारी ने इसकी शिकायत भारतीय जनता युवा मोर्चा को अध्यक्ष राजा पांडे से कर दी. इस पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के लोग स्कूल पहुंच गए और उन्होंने वहां हंगामा कर दिया. हंगामा इतना बढ़ा कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने प्रिंसिपल के कक्ष में भी केसरिया झंडा लगा दिया।
हिन्दू देवी-देवताओं पर की जाती है टिप्पणी
वहीं इस मामले में भाजयुमो जिला अध्यक्ष राजा पांडेय का कहना है कि स्कूल में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कार्य लगातार किया जा रहा है. पूर्व में काफी बार शिकायत मिल चुकी है. जहां हिन्दू देवी देवताओं पर टिप्पणी भी की जाती है. हिंदू बच्चों की भावनाओं से लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है.
ऐसा आगे नहीं चलने दिया जा सकता है. वहीं जब मामले ने तूल पकड़ा तो इसकी जानकारी एसडीएम को लगी. जिसके बाद तत्काल मामले को शांत कराया गया. और दोबारा इस तरह के मामले दोहराए जाने पर प्रबंधन पर कार्यवाही की बात कही गई.
राष्ट्रीय गीत और भारत माता की जय पर भी रोक लगा चुका है स्कूल
दरअसलम, कांकेर के भानुप्रतापपुर का सेंट जोसेफ स्कूल करीब 20 साल से संचालित हो रहा है. इसका संचालन ईसाई मिशनरीज द्वारा किया जाता है. साल 2019 में यह स्कूल उस वक्त भी विवादों में आया था, जब इस स्कूल के तत्कालीन प्रिंसिपल ने स्कूल में भारत माता की जय और वंदेमातरम गाने पर रोक लगा दी थी. उस वक्त भी परिजनों ने इस पर नाराजगी जाहिर की थी और प्रशासन के समझाने पर स्कूल प्रबंधन ने अपना आदेश वापस ले लिया था.