हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और सालभर में आने वाली 24 एकादशियों में मोहिनी एकादशी का अपना अलग ही धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। मोहिनी एकादशी 2025 में 8 मई को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, और ऐसा माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, अगर इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष चालीसा का पाठ किया जाए, तो घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और धन की कभी कमी नहीं रहती।
मोहिनी एकादशी का महत्व
पुराणों के अनुसार, मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण करके असुरों से अमृत को देवताओं को दिलवाया था। इसलिए यह तिथि मोहिनी एकादशी के रूप में प्रसिद्ध हुई। यह तिथि वैशाख शुक्ल पक्ष की एकादशी को आती है। इसे पुण्य प्रदान करने वाली एकादशी माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और भौतिक सुख-संपत्ति लाने वाली होती है।
चालीसा का पाठ क्यों है विशेष?
मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन लक्ष्मी चालीसा का श्रद्धापूर्वक पाठ करने से मां लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं। जो भी व्यक्ति इस चालीसा का पाठ करता है, उसके घर में दरिद्रता का वास नहीं होता और धन, वैभव एवं ऐश्वर्य बना रहता है।
कैसे करें पाठ?
प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
पीले फूल और मिठाई का भोग अर्पित करें।
इसके बाद श्रद्धा और एकाग्रता के साथ लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
पाठ के अंत में आरती करें और परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद बांटें।
मोहिनी एकादशी का यह विशेष दिन न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जीवन में स्थिरता, शांति और आर्थिक समृद्धि लाने का भी एक उत्तम अवसर है। ऐसे में इस दिन मां लक्ष्मी की चालीसा का पाठ अवश्य करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को शुभता से भर दें।