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शरजील इमाम के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर, राजद्रोह का आरोप

एजेंसी ने अंतिम रिपोर्ट दायर की जिसमें आईपीसी की विभिन्न धाराएं शामिल हैं जैसे 124-ए (राजद्रोह), 153 (ए) (शत्रुता को बढ़ावा देना), 153-ए (शत्रुता को बढ़ावा देना, समुदायों के बीच घृणा फैलाना), 153-बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ वक्तव्य) और 505 (अफवाह फैलाना). उन पर अवैध गतिविधियां (निवारण) कानून (यूएपीए) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.

Abhishek Lohia
  • Jul 26 2020 3:33PM
दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम को दिल्ली की एक अदालत में राजद्रोह के मामले में आरोपित किया है. उन पर लोगों को कथित तौर पर ऐसी गतिविधियों में शामिल करने के लिए भड़काने का आरोप है जो देश की संप्रभुता एवं एकता के खिलाफ हैं.

पुलिस ने इस वर्ष की शुरुआत में सीएए विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े एक मामले में अदालत में पेश आरोपपत्र में ये आरोप लगाए हैं. एजेंसी ने अंतिम रिपोर्ट दायर की जिसमें आईपीसी की विभिन्न धाराएं शामिल हैं जैसे 124-ए (राजद्रोह), 153 (ए) (शत्रुता को बढ़ावा देना), 153-ए (शत्रुता को बढ़ावा देना, समुदायों के बीच घृणा फैलाना), 153-बी (राष्ट्रीय एकता के खिलाफ वक्तव्य) और 505 (अफवाह फैलाना). उन पर अवैध गतिविधियां (निवारण) कानून (यूएपीए) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.

आरोपपत्र में कहा गया है, ‘उन पर देश के खिलाफ भाषण देने और एक विशेष समुदाय को अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए भड़काने का आरोप है, जो राष्ट्र की संप्रभुता और एकता के खिलाफ हैं.’ इसमें कहा गया है, ‘संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध की आड़ में उसने एक विशेष समुदाय के लोगों को राजमार्ग बाधित करने के लिए उकसाया और ‘चक्का जाम’ कराया जिससे सामान्य जनजीवन बाधित हुआ.’ इसमें आरोप लगाया गया है कि इमाम ने खुलेआम संविधान का उल्लंघन किया और इसे ‘फासीवादी’ दस्तावेज बताया. इसमें बताया गया है, ‘सीएए के विरोध के नाम पर उसने खुलेआम दुष्प्रचार किया कि ‘चिकेन नेक’ को जाम किया जाए जो पूर्वोत्तर को शेष भारत से जोड़ता है. उसने प्रदर्शन के लोकतांत्रित तरीकों का भी अपमान किया.’ अदालत मामले में 27 जुलाई को सुनवाई कर सकती है.

इमाम पर जामिया मिलिया इस्लामिया में 13 दिसंबर और इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में 16 जनवरी को कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने की जांच चल रही है, जहां उन्होंने कथित तौर पर धमकी दी कि असम और शेष पूर्वोत्तर राज्यों को भारत से ‘अलग कर दिया जाए.’ पुलिस ने इससे पहले अदालत को बताया था कि 13 दिसंबर के उनके भाषण के बाद दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर आगजनी और हिंसा हुई और 16 जनवरी के उनके भाषण के बाद कई जगह प्रदर्शन शुरू हो गए. वर्तमान में वह गुवाहाटी जेल में बंद हैं और कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. बीते मंगलवार को उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी.

गुवाहाटी जेल के महानिरीक्षक (जेल) दशरथ दास ने कहा था कि राजद्रोह मामले के आरोपी शरजील इमाम को पहले दिल्ली ले जाया जाना था, लेकिन अब उन्हें यहां एक अस्पताल में भेज दिया जाएगा.

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