कहते हैं इंसान को अपने किये कर्मों की सजा मिलती है। इस्लामिक आतंकी यासीन मालिक का नाम तो आपने सूना ही होगा। हजारों कश्मीरी हिन्दुओं का हत्यारा और पाकिस्तान की गोद में बैठ कर कश्मीर का राग अलापने में माहिर। यह इतना शातिर इंसान रहा है कि पहले इसने कश्मीरी हिन्दुओं का खूब खून बहाया और बाद शान्ति का मसीहा बन कर बैठ गया। पर जैसे ही द कश्मीर फाइल रिलीज हुई इन लोगों को पोल खुल कर सामने आ गई और चढ़ गया एनआईए हत्थे।
कश्मीर के इस्लामिक आतंकी यासीन मलिक ने मंगलवार को अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सही माना है। यासीन मलिक ने पटियाला हाउस कोर्ट की एनआईए अदालत में अपनी गलती मानते हुए कोर्ट से कानून के मुताबिक सजा देने की माँग की है। कोर्ट कश्मीर के इस्लामिक आतंकी यासीन मलिक के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों के लिए सजा पर 19 मई को सुनवाई करेगा।
मलिक ने अदालत को बताया कि वह यूएपीए की धारा 16, 17, 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता है।”
बताया जा रहा है कि अदालत ने फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसर्रत आलम, मोहम्मद यूसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवाल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख, और नवल किशोर कपूर सहित अन्य कश्मीरी इस्लामिक आतंकियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए हैं।