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"जय श्रीराम" के नारों के साथ उत्तर प्रदेश में जो आवाज गूँज रही है, वो हैं "पुलिस के बूटों की'. सत्ता का साफ संदेश- 'उन्माद नही होगा स्वीकार'

एक और फैसले के बाद हिन्दू जनमानस है ख़ुशी से लबरेज.

Rahul Pandey
  • Sep 30 2020 1:00PM
कभी देश में हुए तमाम बदलाव से पहले अदालते जब सत्ता से सवाल करती थी तब उधर से कानून व्यवस्था बिगड़ने अर्थात लॉ एंड आर्डर की दुहाई दे कर मामले को टाला जाता था. लेकिन जब से उत्तर प्रदेश में सरकार बदली है तब से ये बहाना कभी नहीं बनाया गया और लौह पुरुष के रूप में स्थापित होते योगी आदित्यनाथ ने हर मामले को सहजता से न सिर्फ स्वीकार किया बल्कि उसको बिना समस्या के निबटा भी दिया. 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे प्रदेश में कमर कस ली है किसी भी प्रकार के फैसले के बाद किसी भी प्रकार का मजहबी उन्माद दमन करने के लिए. कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने पर जिस प्रकार से सुरक्षा बल मुस्तैद थे उसी तर्ज पर बाबरी ( Babari ) मामले पर कोर्ट का फैसला आने से पहले योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में पूरी तैयारी कर रखी थी. पुलिस पूरी तरह से हाई अलर्ट पर है.

खबर के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने Aodhya से जुड़े इस मामले पर फैसला आने से पहले ही कई सरकारी कर्मियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार योगी सरकार के आदेश के मुताबिक, अधिकारियों को अपने मुख्यालय पर ही बने रहने का निर्देश दिया गया है.  कोर्ट के आज के फैसले का बाद उन्मादी तत्व किसी अराजकता को अंजाम न दे पायें, इसके लिए योगी सरकार पहले से ही अलर्ट है.

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