छत्तीसगढ़ में कोरोना से लड़ने और जूझने के लिए अब मानव डॉक्टरों के साथ ही रोबोट नर्स भी हिस्सा लेंगे। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि छत्तीसगढ़ से आ रही खबर कह रही है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में शोभा टाह फाउण्डेशन बिलासपुर द्वारा अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित ‘रोबोट नर्स’ का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने सुरक्षात्मक दृष्टि से बेहतर उपयोग के लिए निर्मित इस ‘रोबोट नर्स’ को एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) रायपुर के कोविड-19 वार्ड में उपयोग के लिए मौके पर ही सौंप दिया।
मुख्यमंत्री बघेल ने अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित रोबोट नर्स की खोज के लिए शोभा टाह फाउण्डेशन बिलासपुर की सराहना की और इसे कोविड-19 और विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए बहुत उपयोगी बताया।
रोबोट करेगा ये काम
यह रोबोट नर्स एक बार में एक निश्चित दूरी लगभग 90 फीट की लंबाई तक सामग्री के आदान-प्रदान सेवाओं जैसे मानवीय क्रियाकलाप में सक्षम है और वार्ड में बिना मानव के मरीज तक आवश्यक दवाईयां, कपड़े सहित खान-पान की सामग्रियों को पहुंचाने के साथ-साथ वापस लाने की सुविधा से युक्त है। इसके साथ ही रोबोट नर्स के माध्यम से अस्पताल में चिकित्सक तथा मरीज के बीच कैमरे तथा मोबाइल द्वारा फोटो, वीडियोग्राफी, वीडियोकॉलिंग तथा चैटिंग आदि भी की जा सकेगी। इसके लिए चिकित्सक को मरीज के पास जाने की जरूरत नहीं होगी।
इलाज में होगी मदद
इस तरह मेन पॉवर के बिना रोबोट नर्स के माध्यम से मरीज तक आवश्यक सुविधाओं की सेवाएं जल्द से जल्द पहुंचायी जा सकेगी। इससे वर्तमान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव के लिए अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक, नर्स तथा सफाईकर्मी आदि लोगों को भी इलाज आदि के कार्यों में काफी सहूलियत होगी। लिहाजा कोरोना महामारी से लड़ने में इससे काफी मदद मिलने की उम्मीद है।