यह वह समय है जब देश कोरोना के चलते एक वैश्विक आपदा और चीन के चलते युद्ध के मुहाने पर खड़ा हुआ है। वर्तमान समय में संसद के गलियारों से लेकर गांव की चौपालों तक केवल या तो कोरोनावायरस चर्चा में है या तो चीन। राष्ट्रवादियों का सोशल मीडिया पर आह्वान साफ देखने को मिलता है कि ऐसे समय में वह एक समय की रोटी खाकर देश की सेना को आर्थिक व नैतिक बल देने के लिए तैयार हैं. देश का बच्चा-बच्चा इस समय यह चाहता है कि भारत सरकार अधिक से अधिक हथियार बनाए या खरीदें जिससे देश पर उठने वाली हर नापाक आंख को थोड़ा जा सके। लेकिन ठीक इसी समय कांग्रेस में जो दिखाई दे रहा है वह बाकी देश वालों की ना सिर्फ सोच बल्कि मंशा के भी बिल्कुल विपरीत है.
ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेस के सबसे कद्दावर नामों में शुमार होने वाले और लखनऊ जैसी अति महत्वपूर्ण सीट से चुनाव की ताल ठोकने वाले प्रमोद कृष्णन गुरु पूर्णिमा के दिन सोने के मुकुट में दिखे। यह वह समय है जब आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते कई उद्योग - धंधे एवं व्यापार बंद होने की कगार पर आ गए हैं. इसी के साथ जनता का एक बड़ा वर्ग भी शहरों से गांव की तरफ पलायन कर रहा है। ऐसे में यह माना जा रहा था कि आर्थिक हालात हर किसी के खराब होंगे पर ऐसा नहीं है. कम से कम कांग्रेस में गांधी परिवार के आध्यात्मिक गुरु कहे जाने वाले प्रमोद कृष्णन के आज के स्वरूप को देखकर जनता की यह राय है कि भले ही देश आर्थिक संकट में हो लेकिन अगर कोई आर्थिक संकट से परे है तो वह है कांग्रेस.. यद्द्पि महंगाई बढ़ने जैसे कई मुद्दों को ले कर वो मोदी सरकार पर हमलावर रहती है और सूट - बूट की सरकार का ताना आये दिन मारती है.. अब अब सोशल मीडिया पर स्वर्ण मुकुट वाला विपक्ष चर्चा में आ चुका है..
आज गुरु पूर्णिमा का दिन है। वैदिक काल से यह दिन शिष्यों द्वारा अपने गुरु को उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं के लिए आभार व्यक्त करने और उन्हें नमन करने के साथ यथाशक्ति उन्हें अपनी तरफ से दान इत्यादि देने की परंपरा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि प्रमोद कृष्णन को गुरु मानने वाला कोई शिष्य उन्हें यह मुकुट दान स्वरूप दिया है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतना आर्थिक रूप से मजबूत उनका कौन सा शिष्य होगा? सर्वविदित है कि प्रमोद कृष्णन जी गांधी परिवार के आध्यात्मिक गुरु हैं, तो कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि कहीं यह दान स्वर्ण मुकुट के रूप में गांधी परिवार द्वारा तो नहीं दिया गया? फिलहाल इस पर अभी तक कोई भी पुष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। कांग्रेस की कद्दावर शख्सियतों में गिने जाने वाले प्रमोद कृष्णन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भी काफी करीबी गिने जाते हैं। दोनों में वैचारिक समानताएं भी हैं ऐसे में यह दान किसकी तरफ से आया है यह कई लोगों की तरफ इशारा करता है।
इस मुकुट की अनुमानित कीमत अभी तक सामने नहीं आई है लेकिन जानकारों का कहना है कि यह मुकुट लाखों के बजाय करोड़ों रुपए की कीमत का हो सकता है। मूलत: अचार्य प्रमोद कृष्णम उत्तर प्रदेश की राजनीति में अच्छा - खासा दखल रखते हैं और कांग्रेस का उत्तर प्रदेश वर्तमान समय में दूसरी इंदिरा गांधी कहीं जाने वाली प्रियंका गांधी द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है। ऐसे में या भी सवाल उठ खड़े हो रहे हैं कि कहीं गुरु पूर्णिमा के दिन यह गुरु दक्षिणा उन्हीं की तरफ से तो नहीं है ? फिलहाल सोशल मीडिया से लेकर के राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा जोर-शोर से शुरू हो चुकी है और अनुमान लगाए जा रहे हैं कि इतना बड़ा दान देने वाला वह बड़ा व्यक्ति आखिर है कौन ? ताजा समाचार लिखे जाने तक आचार्य प्रमोद कृष्णन इस पूरे मामले में अब तक खामोश है जिस से मुकुट दान करने वाले व्यक्ति के नाम पर संशय और गहराता जा रहा है। एक बात और गौर करने योग्य है कि अपने एक विशेष इंटरव्यू चलते-चलते में सुरेश चव्हाणके जी ने प्रमोद कृष्णन को इस्लामाचार्य की भी पदवी रूपी संज्ञा दी थी जिसको उन्होंने सहर्ष स्वीकार भी किया था।