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"पवित्र महाकाल मंदिर को बता दिया आतंकियो का अड्डा, फिर कर दी उसे सील करने की मांग".. उस पार्टी का नेता जो चाहती है UP की सत्ता

अपराध में जातिवाद का जहर घोलने के बाद अब मज़हबी उन्मदियों की डायरेक्ट इंट्री.

Rahul Pandey
  • Jul 16 2020 8:39AM
देश ही नहीं दुनिया भी एक विशेष सोच एक विशेष प्रकार के आतंकी हमले से हर दिन हर पल जूझ रही है। दुनिया ने युद्ध में अपने उतने निर्दोष नागरिक नहीं खोए होंगे और युद्धों में उतने सैनिकों का बलिदान नहीं हुआ होगा जितना आतंकी हमलों में लोग या सुरक्षा बल मारे गए। लेकिन इसके बाद भी अब तक आतंकवाद का धर्म कुछ देशों और कुछ नेताओं को छोड़कर किसी को नहीं पता और यदि पता भी है तो कहीं ना कहीं कुछ मजबूरी जरूर आड़े आती है जो जान करके भी उन्हें अनजान बनने पर मजबूर कर देती है। कहीं-कहीं इसी को एक पक्षीय बात करना कहा जाता है।

लेकिन एक अपराधी के मारे जाने पर जिस प्रकार से जातिवाद की राजनीति का ढांचा खड़ा किया गया उसके चपेट में अब हिंदुओं के उन पवित्र धर्म स्थलों को लेने का प्रयास किया जा रहा है जो सत्य न्याय नीति क्षमा करुणा और दया के प्रतीक है। उन महादेव को भी इस निकृष्ट सोच ने बदनाम करने का प्रयास किया है जो दुष्टों को दंड देने के लिए रूद्र नाम से तीनो लोक में सुविख्यात है। यह वही महादेव है जिन्होंने अनगिनत असुरों का वध किया है मात्र सृष्टि के कल्याण के लिए..

दुनिया रह जाए लोग रह जाएं सभ्यता संस्कृति बची रहे जनकल्याण हो इस भावना के साथ सीधे हलाहल विष को अपने गले में उतार लेने वाले एक लोटा जल से खुश हो जाने वाले महादेव को बदनाम करने के लिए अब सामने आया है मायावती का बेहद खास बहुजन समाज पार्टी का नेता जिसके नाम में सद्दाम जुड़ा है। इराक के सद्दाम के बारे में कौन नहीं जानता होगा। हर किसी को पता है कि सद्दाम हुसैन कौन था और क्या था। लेकिन उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के सद्दाम हुसैन ने तो इराक के सद्दाम को पीछे छोड़ देने की एक प्रकार से ठान ली है और सामने रख रहा है उस सोच को जो कहीं न कहीं बहुजन समाज पार्टी के कई लोगों के दिल में चल रही है ..

गौर करने योग्य है कि चंद्रशेखर आजाद के अपमान के साथ अब बहुजन समाज पार्टी के खाते में महाकाल उज्जैन के पवित्र स्थल का भी अपमान शामिल हो गया है। क्या इसको भी तथाकथित भाईचारे का एक संदेश माना जाएगा यह सवाल बसपा सुप्रीमो से तो जरूर बनता है । कमलेश तिवारी की हत्या पर खामोश रहने वालों ने अब उज्जैन महाकाल पर की है बेहद ही अशोभनीय और निंदनीय टिप्पणी क्योंकि वहां से अपराधी विकास दुबे ने अपनी गिरफ्तारी दी थी और खुद पुलिस को बताया था कि वह है ही है कानपुर का विकास दुबे।

उसी अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर पर बहुजन समाज पार्टी नेता की एक फेसबुक पोस्ट से बवाल खड़ा हो गया है । बसपा पार्षद सद्दाम हुसैन द्वारा उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर को आतंकवादियों का अड्डा बताए जाने से भड़के बजरंग दल के कार्यकर्ता अन्य संगठनों के सदस्यों के साथ थाना क्वार्सी में मंगलवार को गिरफ्तारी देने पहुंच गए। थाना परिसर में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया और जमकर नारेबाजी की । गिरफ्तारी का आश्वासन मिलने पर ही हिंदूवादी नेता वापिस लौटे । हालांकि सोशल डिस्टेंसिग की धज्जियां उड़ाने पर 16 नामजद हिंदूवादी नेताओं सहित 100 अज्ञात पर FIR दर्ज की गई है । वहीं, मामला बढ़ता देख कर BSP पार्षद ने आईडी हैक होने की बात कही है पर ये किसी के आकोश को कम नही कर पा रही और विशाल जनसमूह इन्हें जेल भेजने की मांग पर अड़ा हुआ है....

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