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जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के लिए दूसरे चरण की तैयारी तेजी पर।

गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन महत्वाकांक्षी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से जुड़े दूसरे चरण की तैयारी कर रहा है। इसके तहत जेवर क्षेत्र के 7 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानी है।

Anchal Yadav
  • Mar 10 2021 8:15PM
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन महत्वाकांक्षी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण से जुड़े दूसरे चरण की तैयारी कर रहा है। इसके तहत जेवर क्षेत्र के 7 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानी है। इसके लिए करीब 2890 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। जिला प्रशासन ने इस संबंध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है। इसमें कहा गया है कि जेवर एयरपोर्ट के दूसरे चरण के विस्तार के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है। इसमें से 1185 हेक्टेयर भूमि किसानों की है। शेष 180 हेक्टेयर भूमि जिला प्रशासन ने पहले से अधिग्रहीत किया है।जिन सात गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानी है, उसमें करौली बांगर, बेरमपुर, मुंढेरा, नंगला शाहपुर, रणहेरा, कूरेब और दयानतपुर शामिल हैं। रणहेरा और दयानतपुर के किसानों की कुछ जमीन पहले चरण के दौरान ही अधिग्रहित की जा चुकी है। जिला प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को विस्थापित करने की योजना भी तैयार कर ली है। इन सभी को जेवर तहसील के अलग-अलग इलाकों में शिफ्ट किया जाएगा। संबंधित विभाग और अधिकारी इन सभी परिवारों को आवंटित की जाने वाली जमीन और इनके घरों के नक्शों को सत्यापित करेंगे। प्रशासन का कहना है कि हर प्रभावित किसान को विस्थापन से संबंधित सारी सुविधाएं दी जाएंगी। उन्हें आवासीय भूखंडों को विकसित कर सौंपा जाएगा।नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में प्रभावित 238 परिवारों को विस्थापित किया जाना था। यह सभी नगला गणेशी गांव के निवासी थे और इन्हें जेवर बांगर में नए आवास के लिए भूखंड आवंटित किए गए थे। मगर गत रविवार को कुछ ग्रामीणों के विरोध की वजह से यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। दरअसल विस्थापित ग्रामीण नए आवंटित भूखंडों पर घर बनाने के नक्शे से संबंधित मांग पर अड़े थे। इस संबंध में प्रशासन और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हुई। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को यकीन दिलाया है कि उनको आवंटित भूखंडों पर निर्माण कार्य शुरू करने में अवरोध नहीं डाला जाएगा। उनके नक्शे और दूसरी जरूरतों को एक महीने के अंदर मंजूरी दे दी जाएगी। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सभी प्रभावित किसानों को भरोसा दिलाया है। एडीशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (लैंड एक्विजिशन) बलराम सिंह ने इस बारे में बात की। उन्होंने कहा कि किसानों को अथॉरिटी के ऑफिस आकर भागदौड़ नहीं करनी होगी। उन्होंने कहा कि जमीनों पर नए घर बनाने से जुड़ी प्रक्रिया पूरी कराने के लिए विशेष कैंप लगाए जाएंगे। सारे प्रोजेक्ट की समीक्षा कर किसानों की समस्या का हल किया जाएगा।भूमि रजिस्ट्री से जुड़ी स्टैंप ड्यूटी और अन्य शुल्क भी किसानों को नहीं देना होंगा। इसका भुगतान उत्तर प्रदेश सरकार का सिविल एविएशन डिपार्टमेंट करेगा। सभी प्रभावित किसानों के नए आवास के टाउनशिप को बसाने में 320 करोड रुपए का बजट प्रस्तावित है। प्रशासन बिना किसी देरी के इन सभी किसानों को विस्थापन से जुड़ी राशि देने की तैयारी में है। ताकि यह सभी अपने घर का निर्माण कार्य शुरू कर सकें। हर विस्थापित परिवार को घर बनाने के लिए 5.5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन खर्च के लिए 36,000 की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। बताते चलें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले-दूसरे चरण में 7 गांव के 3500 परिवारों को विस्थापित किया जाना है।

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