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यूपी में 2 से ज्यादा बच्चे तो न मिलेगी सरकारी नौकरी न ही लड़ पाएंगे चुनाव, जानें और क्या है खास...

उत्तर प्रदेश में जिनके पास दो से अधिक बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे और न ही कभी चुनाव लड़ पाएंगे।

रजत के.मिश्र, Twitter - rajatkmishra1
  • Jul 11 2021 1:02PM

इनपुट-श्वेता सिंह, लखनऊ

 
उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर योगी सरकार अब सख्त होने जा रही है । इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुखिया ने ड्राफ्ट तैयार किया है। राज्य विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस आदित्यनाथ मित्तल ने इसे तैयार किया है। 
 
अगर ये ड्राफ्ट कानून के रूप में बदलता है तो उत्तर प्रदेश में जिनके पास दो से अधिक बच्चे होंगे, वे न तो सरकारी नौकरी के लिए योग्य होंगे और न ही कभी चुनाव लड़ पाएंगे।
 
ड्राफ्ट की महत्वपूर्ण बातें- 
 
-ड्राफ्ट में एक बच्चे की पॉलिसी स्वीकार करने वाले बीपीएल श्रेणी के माता-पिता को खास तौर पर प्रोत्साहित करने का प्रस्ताव रखा गया है।
 
-दो से अधिक बच्चों के अभिभावकों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।
 
-स्थानीय निकाय और पंचायत का चुनाव भी नहीं लड़ सकते।
 
-सरकारी कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा कि वे इस कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे।
 
-कानून लागू होते समय अगर दो ही बच्चे हैं और शपथ पत्र देने के बाद तीसरी संतान पैदा होती है तो प्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द करने और आगे चुनाव ना लड़ने देने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
 
दो बच्चे वालों को होगा ये फायदा-
 
-ऐसे पेरेंट्स जिनके दो बच्चे हैं और वे सरकारी नौकरी में हैं और अपनी इच्छा से नसबंदी कराते हैं तो उन्हें दो एक्स्ट्रा इंक्रीमेंट, प्रमोशन, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, PF में एंप्लायर कॉन्ट्रिब्यूशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी। पानी, बिजली, हाउस टैक्स में भी छूट मिलेगी।
 
-एक बच्चा होने पर पर स्वयं नसबंदी कराने वाले अभिभावकों की संतान को 20 साल तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता ।
 
  • -वन चाइल्ड पॉलिसी स्वीकार करने वाले BPL श्रेणी के माता-पिता को विशेष तौर पर प्रोत्साहन।
 
-पहला बच्चा बालिग होने पर 77 हजार और बालिका पर एक लाख की विशेष प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
 
ऐसे माता–पिता की पुत्री को उच्च शिक्षा तक मुफ्त पढ़ाई‚ जबकि पुत्र को 20 वर्ष तक नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी।
 
जानें कब तक किया जाएगा लागू-
 
कानून के मौजूदा ड्राफ्ट के मुताबिक ये विधेयक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से एक साल बाद लागू होगा। जस्टिस आदित्य मित्तल ने कहा कि हम किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं हैं। हम चाहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वालों को योजनाओं का लाभ मिले। हालांकि इस ड्राफ्ट पर 19 जुलाई तक जनता से राय मांगी गई है।
 

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