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कोरोना हार गया वृद्धा जीत गई

आश्चर्यचकित की अधिक उम्र व गंभीर बीमारियों के बाद भी जीती कोरोना से जंग

JASPREET SINGH
  • Jun 15 2021 12:53AM
अधिक उम्र व गंभीर बीमारियों के बाद भी जीती कोरोना से जंग - कोविड संक्रमण के चलते यूं तो हजारों वृद्ध व युवा मौत का ग्रास बन गए, लेकिन समय पर बेहतरीन टीम के साथ उपचार मिले तो जीवन को बचाया जा सकता है, जिसमें उम्र भी बाधा नहीं बनती, ऐसा ही जायसवाल हॉस्पिटल की टीम ने कर दिखाया है। सिविल लाइन निवासी दर्शन खोसला ने 88 साल की उम्र में कई बीमारियों के बाद भी कोरोना को मात दी और स्वस्थ्य होकर जीत की मुस्कान के साथ अपने परिजनों के साथ घर पहुंची। जायसवाल हॉस्पिटल के निदेशक व न्यूरो फिजिशियन डॉ. संजय जायसवाल ने बताया कि महिला को बोलने में परेशानी आ रही थी, उल्टी हो रही थी, घबराहट व सांस लेने में परेशानी आ रही थी, ऐसे में परिजनों उन्हें ब्रेन हेमरेज समझते हुए 29 मई को चिकित्सालय लेकर आए जहां जांच में पता चला की इन्हें कोविड है, और उसके चलते ही इन्हें अन्य समस्या आई है, ऐसे में अन्य चिकित्सकों के साथ चेस्ट व श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. केवलकृष्ण डंग को दिखाया तो पता चला की फेफडों में संक्रमण है, इसके साथ ही इन्हें खर्राटे की समस्या है। डॉ. डंग ने बताया कि मरीज का आक्सीजन लेबल खर्राटे के कारण कम हो जाता है, इनका आॅक्सीजन लेबल भी 80 के करीब था, सिटी स्कोर भी 16 था, निमोनिया था, इसके साथ ही पक्षाघात भी हुआ था, ब्रेन में क्लोट थे, इन सभी समस्याओं के साथ मरीज को बचाना चुनौती बन गया था, वहीं परिजन मरीज को लाने में भी देरी कर चुके थे, ऐसे में मरीज का उपचार डॉ. डंग के नेतृत्व में मल्टी स्पेशेयालिटी टीम द्वारा शुरू किया गया और सफलता मिली। 24 घंटे मरीज को चिकित्सकों की निगरानी में रखा, सभी बीमारियों को भी ध्यान में रखा डॉ. केवल कृष्ण डंग ने बताया कि डॉ. जायसवाल ने न्यूरो का और हमारी टीम ने कोविड का उपचार किया, खून पतला होने की दवा भी नहीं दे सके, सभी परिस्थितयों को ध्यान में रखते 24 घंटे निगरानी में उपचार किया, मरीज की पहले स्थिति बिगडती चली गई, लेकिन बेहतरीन टीम द्वारा उपचार किए जाने से उनके स्वास्थ्य में सुधार होने लगा, लकवा की समस्या भी धीरे-धीर कम हुई और कोविड से भी जंग जीतती चली गई। इतनी अधिक उम्र में इतनी अधिक बीमारियों के साथ कोविड से जंग जीतना चमत्कार से कम नहीं हैं। डॉ. डंग ने बताया कि मरीज को कई चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया, न्यूरों का उपचार किया गया वहीं कोविड को भी ध्यान में रखा गया। मरीज को सांस लेने में परेशानी आई तो वाईपेप पर रखा गया, रेमडेसीविर इंजेक्शन लगाए गए, आॅक्सीजन लेबल बढ़ा तो मरीज रिकवर हो गया। लेकिन ये केस बेहद ही चेलेंजिंग था, 88 साल की उम्र में कोविड से जंग जीतना एक बेहतरीन टीम का परिणाम हैं। मरीज को सोमवार डिस्चार्ज किया गया।

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