वो फ्लोर टेस्ट किसी अग्नि परीक्षा से कम नही है जिसके लिए हामी भर दिए गहलोत
राजस्थान में गहलोत सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार।
राजस्थान में पिछले एक महीने से चल रही सियासी लड़ाई का अंत हो गया हैं। राजस्थान में दो भागो में विभाजित हो चुकी कांग्रेस सरकार फिर एक होती समझ आ रही है। शुक्रवार से शुरू होने जा रहा विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस पार्टी विश्वास मत प्रस्ताव ला सकती है।जिसमें उसे केवल 101 विधायकों की नहीं बल्कि 125 विधायकों का अपने पक्ष में मत चाहिए तभी वह अपनी प्रभूता दोबारा स्थापित कर पाएगी।
गुरुवार को हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वह विधानसभा में 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर सकते थे। लेकिन वह पार्टी को तोड़ना नहीं चाहते। उन्हें इससे खुशी नहीं मिलेंगी, उन्होंने आगे कहा कि हम खुद विश्वास मत लेकर आएगे, वह पहले से विधानसभा अध्यक्ष के पास हैं। विधानसभा कारवाही आरंभ होने पर विधानसभा स्पीकर विश्वास मत पर व्यवस्था दे सकते है।जिसके बाद इस पर बहस होगी और कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट देना होगा। जिसमे बीजेपी और उसके सहयोगी दल कांग्रेस के खिलाफ मत देगे।
राजस्थान विधासभा की कुल सीटों की संख्या 200 है जिसमें से कांग्रेस के पास 101 सीटें है और 6 सीटें उसकी सहयोगी पार्टी बसपा की हैं।वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के पास 72 सीटें है और करीब 21 सीटें उसके सहयोगी दलों की हैं। इस आंकड़े को मदे नज़र रखते हुए, कांग्रेस को बहुमत साबित करने में दिक्कत नहीं होगी।
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