अमेरिकी संसद
की स्पीकर नैंसी पेलोसी चीन की धमकियों के बावजुद भी निडर हो कर ताइवान घुम कर आई।
यह यात्रा उन्होनें मंगलवार को की। इस घटना के बाद चीन और अमेरिका के बीच ताइवान
की आजादी के मुद्दे पर तनातनी और बढ़ गई। अमेरिकी
स्पीकर पेलोसी ने ताइवानी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि,
"मैं यहां सिर्फ ताइवानी जनता को सिखाने आई हूँ कि हम सब एकजुद
होकर किस तरीके से आगे बढ़ सकते है। यहीं नहीं उन्होनें ताइवान को कोविड से
सफलतापूर्वक लड़ने के लिए भी बधाई दी। यह स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था,
सुरक्षा और शासन का मुद्दा भी है।'
आपको बता दें कि पेलोसी ने यह भी कहा कि ताइवान सरकार से बातचीत में जलवायु
संकट से पृथ्वी को बचाने के लिए मिलकर काम करने पर बात करेंगे। हमारी यात्रा
मानवाधिकारों, अनुचित
व्यापार परंपराओं और सुरक्षा मुद्दों के बारे में है। पेलोसी ने मीडिया से चर्चा में ताइवान की सरकार व जनता से
कहा कि उनकी यात्रा मानवाधिकारों की रक्षा, अनुचित व्यापार परंपराओं का विरोध और सुरक्षा को लेकर है।
जानकारी के
अनुसार, नैंसी पेलोसी के मंगलवार को ताइपे में उतरने के तुरंत बाद, 21 चीनी सैन्य विमानों ने
ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में उड़ान भरी। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। दौरे को लेकर
चीन और अमेरिका के बीच जबरदस्त तनाव है। चीन ने उनकी यात्रा को देखते हुए लक्षित
सैन्य अभियान चलाने की योजना बना रहा है। चीन ने गंभीर एतराज जताते हुए कहा कि 1.4
अरब चीनी नागरिकों से शत्रुता मोल लेने का अंजाम अच्छा नहीं होगा।
आपको बता दें कि इस घटना के बाद चीन ने पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर अमेरिका को
गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी थी। पेलोसी इस धमकी को नजरअंदाज कर एक दिन के
यात्रा पर वहां पहुंचीं। यहीं नहीं पिछले 25 साल में इस स्वतंत्र
द्वीप की यात्रा करने वाली पेलोसी अमेरिका की पहली बड़ी नेता हैं। उनकी यात्रा के
विरोध में चीन ने ताइवान में अपने लड़ाकू विमान उड़ाकर अमेरिका को ताकत दिखाने का
प्रयास किया, लेकिन महाशक्ति देश ने उसे नजरअंदाज कर दिया।