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राजीव गांधी के कुटिल मंसूबों को भांप गए थे सीएम योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ, ठुकरा दिया था ये ऑफर

उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ को कौंन नहीं जानता। राम जन्मभूमि के संघर्ष में उनके योगदान की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। क्या थी ये पूरी कहानी चलिए बताते हैं आपको।

रजत के.मिश्र, Twitter - rajatkmishra1
  • Jan 19 2024 9:12PM

इनपुट- श्वेता सिंह, लखनऊ, twitter-@shwetamedia207

 
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवैद्यनाथ को कौंन नहीं जानता। राम जन्मभूमि के संघर्ष में उनके योगदान की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। क्या थी ये पूरी कहानी चलिए बताते हैं आपको।
 
तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को यह बात अच्छे से पता थी कि राम मंदिर निर्माण में महंत अवैद्यनाथ प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। इसलिए राम मंदिर को सोमनाथ की तरह बनवाने की और इसमें विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी का नाम न आने की अपनी मंशा को मनवाने के लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन सीएम वीरबहादुर सिंह को महंत अवैद्यनाथ से चर्चा करने को कहा लेकिन इस प्रस्ताव को महंत ने हंसकर ठुकरा दिया। 
 
हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया था कि वो ये प्रस्ताव विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे लेकिन उन्होंने इस सिलसिले ने तनिक भी चर्चा उनके सामने नहीं की। यदि उस समय अवेद्यनाथ राजीव गांधी के प्रस्ताव को मान लेते तो प्रभु श्रीराम का मंदिर तो बनता लेकिन मस्जिद के तीनों गुंबदों को वैसे ही छोड़कर उसी जगह खंभों पर मंदिर निर्माण हो जाता, जिसके नीचे तीनों गुंबद पड़े रहते।
 
राजीव गांधी के मंसूबों को महंत अवेद्यनाथ ने भांप लिया था और आज उनकी तीसरी पीढ़ी इस रामकाज में सारथी बनकर अयोध्या के भव्य निर्माण से लेकर सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार कर रहा है और वो व्यक्ति हैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। कहा जा रहा है कि गोरखनाथ के पीठाधीश्वरों के संघर्ष की वजह से ही आज राम मंदिर का सपना पूरा हो सका और आज महंत अवैद्यनाथ के शिष्य पीठाधीश्वर और सूबे के मुखिया के के हाथों ही राम मंदिर पूजन संपन्न होगा। यह संयोग ही है या यूं कह लें सच्चे दिल से किए गए संघर्ष का परिणाम है कि गोरक्षपीठाधीश्वर के हाथों राम मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो रहा है।

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