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प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय के टांडा गांव में लठमार होली का हुआ आयोजन महिलाओं के सम्मान पुरुषों ने जमकर खाए लठ

प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय के टांडा गांव में लठमार होली का हुआ आयोजन महिलाओं के सम्मान पुरुषों ने जमकर खाए लठ

प्रवीण सिंह चुण्डावत
  • Mar 31 2021 9:05PM
प्रतापगढ़, 31 मार्च। दुधली टाण्डा गांव में बुधवार को लठ्मार होली का आयोजन किया। लठमार होली का आयोजन धमोत्तर के निकटवर्ती दुधली टाण्डा गांव मेें लबाना समाज में खेला गया। यह आयोजन सदियों से चलता आ रहा है। लठ्मार होली टाण्डा गांव के नायक मांगीलाल लबाना के खेत पर लठ्मार होली खेली गयी। इस होली में महिलाओं द्वारा पुरूषों पर लठ् बरसाऐ गए। पुरूष सहजता के साथ लठ् की मार को सहन करते हुए बचाव किया। लठ्मार होली से पहले गांव के बिच में शाम ढ़लने से पुर्व विधी विधान पूर्वक पूजा, अर्चना के साथ पुरूष व महिलाओं द्वारा ललेनो नृत्य नगांरो के थपथपाहाट से शुरू किया। उसके बाद नायक के खेत पर ललेनो नृत्य के साथ लठ्मार होली खेली गयी। नेजा लूटने के दौरान पुरूषों को घेर-घेर कर लाठियां बरसाई गयी। जबकी पुरूष अपनी लाठियांे के दम पर महिलाआंे को लाठियों से बचने का जतन करते रहे। यह होली लबाना बाहुल्य गांवों में लठ्मार होली के मदे्नजर आस-पास के कई गांवों के समाजजन यहां भागदीरी करने पहुंचे। महिलाओं को सम्मान देने का पर्व गावं के बुर्जगो के अनुसार पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं के समानता का दर्जा बना रहे इसके लिए बुर्जगों ने इस प्रकार के कार्यक्रम रखे थे। पुराने समय में पुरूष-प्रधान समाज में जहां महिलाओं की हर जगह उपेक्षा की जाती थी। इससे महिलाओं में पुरूष समाज के प्रति उत्पत्र कुंठा के भाव को दूर करने के लिए लट्ठमार होली का आयोजन हुआ। इसके माध्यम से महिलाआंे की सालभर की कुंठाएं को होली के पावन पर्व में खत्म करने के उदे्श्य को लेकर भाभी, काकी, अन्य महिलाएं अपने देवर, नजदीकी रिश्तेदारी, अन्य जनों को भी मारी, महिलाएं भी अपने प्रतिशोध होली के माध्यम से मन में भेदभाव को मिटायी। इस दिन पुरूष खुशी-खुशी महिलाआंे से मार खाकर उनकी सालभर की भरी कुंठाआंे और गिले शिकवों को दुर किया। इस खेल को खेलने से पहले पूर्व भगवान शिव व पार्वती के सुखमय जीवन के गीतों का गायन किया। टाण्डा गांव के बुजुर्गो के अनुसार यह आयोजन कई सदियों से चलता आ रहा है। इस आयोजन का उदेश्य भगवान शिवं शंकर के वरदान के कारण यह आयोजन लबाना समाज में खेला जाता है। चौर द्वारा बेल ले जाना व नायक की मृत्यु कर देने पर जब पार्वती व शिव शंकर भगवान विचरण कर रहे थे उस समय नायक की पत्नी रो रही थी उस समय पार्वती व शिव शंकर भगवान को नायक की पत्नी रोने पर दया आने पर उन्होंने कहा कि इसको दण्डी मारकर भगाने को लेकर नायक की पत्नी को शिव शंकर ने वरदान दिया था और उसके पति को जिवित कर देने को लेकर लठ्मार होली का आयोजन किया जा रहा है। चोर को भगाने को लेकर इस आयोजन को किया जा रहा है। इस पर्व को स्थानिय भाषा मे नेजा लुटना कहा जाता है। जो कि यहाँ ब्रज की संस्कृति देखने को मिलती है। यह पर्व केवल लबाना समाज में ही कई सदियो से चलता आ रहा है। यहां पर प्रतापगढ़ शहर सहित आस-पास के ग्रामीण मानपुरा, ढ़लमु, सिद्धपुरा, करमदीखेड़ा, अखेपुर, धमोत्तर, बोरी, बारावरदा, बिहारा, नकोर, ग्यासपुर, कड़ियावद, अमलावद, थड़ा, भुवासिया व गादोला आदि गांवों के लोग लठ्मार होली को देखने टाण्डा गांव में आए।

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