आपको बता दे कि नीतीश कुमार ने समय के साथ चलने का काम किया .बिहार विकास के साथ लोगों का प्रयोग जम कर किया .प्रयोग के बाद उस को साइड लगा दिया .राजनीत का नया प्रयोग मुंगेर सांसद राजीव रजन उर्फ़ ललन सिंह जो सबर्ण समाज मैं भूमिहार से आते हैं उनके कंधों पर तीर रख कर चलाया हैं .पहले उमेश कुशबाहा फिर उपेन्दर कुशबाहा को फ़िर राम चरण सिंह को सेन्ट्रल मंत्री बनबाकर जबकी मन उपेन्दर कुशबाहा का था नए राजनीत प्रयोग किया .
अब दूसरे राज्य के विधान सभा चुनाब मे लव कुश के साथ भूमिहार वोट को लेने के लिए के सी त्यागी को भी जिम्मेदारी दिया जा रहा हैं .बीजेपी को प्रेशर पॉलिटिक्स मैं लाने की बात हो रही हैं .कम से कम सीट लेकर अपने विधायक के सहारे बिहार से बाहर पार्टी को मजबूत किया जा रहा हैं .
जानकारी मिली हैं कि ललन सिंह को पार्टी पसीडेण्ट बना कर नीतीश ताक जाक़ भी कर रहे हैं उनकी नज़र किस कुर्सी पर हैं सब को पता हैं .उस कुर्सी पर एक अनार सो बीमार लोग सपने पाल रहे हैं .
तीर नही लगने पर बिहार मैं तो तीर का कमाल होगा ही क्योकि वोट बैंक को तेजी से बढ़ाने के लिए भूमिहार को प्याली की चाय बनाने ही पड़ेंगे .नीतीश कुमार बिहार ही नहीं देश के बड़े पॉलिटिशियन मैं गिने जाते हैं .कुटनीति और राजनीती मैं इनका ज़बाब नहीं हैं .
एक तीर से कितनो को शिकार करने का इरादा रखते हैं मुख्यमंती नीतीश इस नए प्रयोग मैं नए राजनीत की भी झलक देखी जा सकती हैं .जो सभी वोटकटबो को नोटिस लेना होगा .नीतीश कुमार आगे बिहार की कुर्सी अपने ख़ास कुशबाहा या किसी को देने से पहले मांझी की पॉलिटिक्स की कहानी नहीं करने बाले हैं .अब दूध का छाछ भी फूक कर पीने की आदत हैं नीतीश को .