देश
भर के मंदिरों में बाल गोपाल का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन राजस्थान के राजसमंद श्रीकृष्ण का
जन्मोत्सव अनोखे ढंग से धूमधाम से मनाया जाता है। यहां भगवान श्रीकृष्ण को 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
बता
दें कि राजस्थान के राजसमंद में एक 400 साल पुराना मंदिर है, जहां श्रीनाथजी मंदिर में
जन्माष्टमी की रात को 12 बजे
कान्हा के जन्म पर इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है। इस दृश्य को देखने के लिए
देश और दुनिया के कई श्रद्धालु श्रीनाथजी पहुंचते हैं। इसके बाद आस-पास के गांव
में कान्हा के जन्म को लेकर खुशियां मनाई जाती है और मिठाईयां बांटी जाती है। 400 साल से कृष्ण भक्त यह परंपरा निभाते आ रहे हैं।
वहीं दूसरे दिन मंदिर में दही-दूध से होली खेली जाती है।
इसके
साथ ही इस बार जन्माष्टमी पर्व पर श्रीनाथजी में देश के महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों
के श्रद्धालु श्रीनाथजी में जन्माष्टमी महोत्सव मनाने पहुंच चुके हैं और विदेशों
से भी कई श्रद्धालु श्रीनाथजी में पहुंचे हैं। नगर का नजारा ब्रजमय नजर आ रहा है।
मंदिर
में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन विशेषकर बालचित्रण से संबंधित विभिन्न लीलाओं की
जीवंत झांकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। नगर में अद्भुत झॉकियों के साथ घोड़े, नक्कारे, श्रीनाथ बैण्ड, स्थानीय बैण्ड्स, भजन मण्डलियों के साथ विशाल
शोभायात्रा का निकाली जाएगी।
श्रीकृष्ण
जन्माष्टमी महोत्सव मंदिर प्रशासन के अनुसार 19 अगस्त 2022 को और 20 अगस्त, 2022 को नंद महोत्सव मनाया जाएगा।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की खुशी में रात्रि के 12.00 बजे रिसालाचौक में 21 तोपों की सलामी दी जाएगी और
मन्दिर मुख्यद्वार पर नक्कारखाने से ढ़ोल, नक्कारे, बिगुल, शहनाई आदि की मधुर ध्वनी से पूरा नाथद्वारा नगर
गुंजायमान होगा। सुरक्षा की दृष्टि से न्यॅू कोटेज परिसर और श्री दामोदरधाम में
सीसीटीवी लगे हैं। श्रद्धालुओं के लिए पानी और प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई है।