भारत, मध्यप्रदेश
भोपाल में टिड्डियों ने दूसरी बार हमला किया इससे पहले प्रशासन की कोशिशों के चलते वह शहर के बाहर से ही दूसरी तरफ निकल गई थीं, लेकिन रविवार को वह शहर में आ गईं। इसके बाद होशंगाबाद रोड से लेकर अवधपुरी इलाके में छा गईं। सोमवार सुबह टिड्डियों को भगाने के लिए फायर ब्रिगेड की टीम ने कैमिकल का छिड़काव किया। करीब चार घंटे तक जंगल में छिड़काव करने से लाखों की संख्या में टिड्डियां मारी गईं, जबकि कुछ वहां से उड़ गईं। उन्होंने रातभर में कई पेड़ों को नुकसान भी पहुंचाया। इससे पहले रविवार शाम को लाखों की संख्या में टिड्डियां होशंगाबाद रोड से लेकर बरखेड़ा पठानी, एम्स और अवधपुरी इलाके तक छा गईं थीं। कॉलोनियों में टिड्डियों के हमले से दहशत फैल गई थी।
रविवार रात उन्होंने कहारा हिल्स के लहारपुर नर्सरी में डेरा डाल दिया। सुबह करीब 6 बजे से सभी विभागों की टीम ने टिड्डियों को भगाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। जोर की आवाजों के साथ ही कैमिकल का छिड़काव शुरू किया गया। करीब चार घंटे तक यह कवायद चलती रही। इसके बाद लाखों की संख्या में टिड्डियां मर गईं, जबकि कुछ वहां से उड़ गईं। टिड्डियां पत्तियां खाती हैं। इसी कारण वह पेड़ों और फसलों पर हमला करती हैं।
लहारपुर नर्सरी पहाड़ी और जंगल का इलाका होने के कारण वह टिड्डियों के निशाने पर आ गया। यहां पर वन विभाग द्वारा नक्षत्र और औषधि पौधे लगाए गए हैं। इसलिए भी टिड्डियां यहां आकर्षित होकर आ गईं। 90 के दशक में इस तरह का टिड्डी दल आया था और उसने कई जगह नुकसान किया था। उसके बाद ऐसा हमला पहली बार हुआ है।