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लॉकडाउन के दौरान काशीपुर में इंजीनियर बना मछुआरा

लॉकडाउन के चलते उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर के वैज्ञानिकों की मदद से आज उसने मछली पालन कर स्वरोजगार शुरू कर दिया है।

Krishna Kumar
  • Sep 6 2020 11:31PM

 कोरोना काल मे कितना बदल गया है संसार इसका नज़ारा काशीपुर में देखने को मिला है, जहा कोरोना काल मे किसी के कारोबार पर गाज गिरी तो किसी की नोकरियाँ चली गईं। ऐसी ही गाज एक इंजीनियर पर गिरी है। जिसके कारण एक इंजीनियर मछुआरा बन गया है। जिसकी चर्चा क्षेत्र में आग की तरहं फैल रही है।

कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज़ नही होती जिसका नजारा काशीपुर में देखने को मिला। ऐसा ही मामला लॉकडाउन के दौरान सिडकुल के एक कारखाने में इंजीनियर के पद पर कार्यरत युवक के साथ भी हुआ। जब लॉकडाउन के चलते उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और कृषि विज्ञान केंद्र काशीपुर के वैज्ञानिकों की मदद से आज उसने मछली पालन कर स्वरोजगार शुरू कर दिया है। आज वह युवक ग्रामीण बेरोजगारों को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित कर रहा है। आपको बता दें कि उधम सिंह नगर जिले के किच्छा नारायणपुर निवासी विपुल कुमार सागर के मुताबिक वह रुद्रपुर सिडकुल की एक ऑटोमोबाइल कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत था। देश में फैली कोरोना वैश्विक महामारी के चलते देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा घोषित लॉकडाउन के दौरान उसने नौकरी छोड़ कर वापस घर आना पड़ा। चूंकि वह किसान परिवार से ताल्लुक रखता है इसीलिए वह अपने पिता के साथ खेती के कार्यों में जुट गया। वह परिवार के बढ़ते खर्चे के कारण व्यवसायिक खेती करना चाहता था। इस दौरान वह काशीपुर के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों डॉ जितेंद्र और अजय प्रभाकर के संपर्क में आया उन्होंने उसे कृषि विविधीकरण की विधि से खेती से आय बढ़ाने, एकीकृत मत्स्य पालन, सह मुर्गी पालन, आधुनिक कृषि विधियों से खेती करने का सुझाव दिया। जिसके बाद उसने मत्स्य पालन शुरू करते हुए वैज्ञानिक तरीके से मछली पालन शुरू किया। विपुल के मुताबिक इस समय उसके तालाब में 9000 मछलियां हैं जो अच्छी तरीके से ग्रोथ कर रही हैं। विपुल को उम्मीद है कि एक समझदार की दिशा में अच्छा कदम है जिसके बारे में उसने अपना और साथियों को भी स्वरोजगार अपनाने की अपील की है। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर जितेंद्र क्वात्रा के मुताबिक विपुल ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया हुआ है। उनके मुताबिक आईटी एक्सपर्ट भी है।

डॉक्टर क्वात्रा के मुताबिक लॉक डाउन के बाद से 25 से 30 युवा अब तक ऐसे आ चुके हैं जो प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत अपना कार्य शुरू करना चाहते हैं। इन युवाओं का आयु वर्ग 20 से 32 वर्ष है।

 

 

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