किसान आन्दोलन का जो एक मकसद था की तीनो कृषि कानून वापस हो सरकार ने किसानों की बात मानते हुए तीनो कृषि कानून को वापस ले लिए है अब किसानों से जब आन्दोलन ख़त्म करने की बात की गई थी तब किसानों ने एक और मांग सरकार के समकक्ष रखी वह है MSP पर कानूनी गारंटी की जिसके बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने इस बात को भी मानते हुए कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा हमे पांच लोगों की कमेटी बना कर दे जिसके बाद उनसे आगे चर्चा, विचार विमर्ष कर आगे की दिशा निर्देश तय की जाएगी
इसके बाद आज संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक कर पांच नाम तय कर लिए हैं सिंघु बॉर्डर पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की अहम बैठक खत्म हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली कमेटी के लिए 5 लोगों के नाम तय कर दिए हैं। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक आगामी 7 दिसंबर को होगी। MSP पर सरकार से बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बनाई गई कमेटी में शिव कुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, युद्धवीर सिंह, बलवीर सिंह राजेवाल और अशोक धावले की 5 सदस्यीय कमेटी बनाई है। गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत का नाम MSP पर सरकार से बातचीत के लिए बनाई जाने वाली 5 सदस्यीय कमेटी में शामिल नहीं किया गया है।
सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि MSP पर गठित कमेटी सरकार से हर मसले पर बात करेगी। इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरुवार को कहा था कि किसानों और सरकार के बीच 'गतिरोध' जारी है क्योंकि केंद्र उनकी लंबित मांगों के संबंध में कोई औपचारिक संदेश नहीं देकर उन्हें प्रदर्शन स्थलों पर रहने के लिए मजबूर कर रहा है। 4
0 किसान संघों के संगठन SKM ने एक बयान में कहा था कि किसान सकारात्मक प्रगति के लिए और सरकार द्वारा उनकी जायज मांगों को स्वीकार करने की धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी और आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना शामिल है।