शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकाले जाने के फैसले पर अब बागी गुट का बयान आया है। शिंदे के करीबी दीपक केसरकर ने कहा है कि हम उद्धव ठाकरे के इस फैसले को चुनौती देंगे। इससे लोकतंत्र पर असर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि हम उद्धव जी के बयानों के खिलाफ नहीं बोलेंगे, क्योंकि हम मानते हैं कि वे अभी भी हमारे नेता हैं। हमें सभी सवालों के जवाब देने हैं, लेकिन इसकी भी एक सीमा है।
शिवसेना के बागी विधायक का कहना है कि अगर उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को 'शिवसेना नेता' के पद से हटाने के अपने फैसले को वापस नहीं लेते हैं, तो इस कदम को कानूनी रूप से चुनौती देंगे।
वहीं इससे पहले शिवसेना ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेना राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने के नाटक की ‘‘हैरतअंगेज पराकाष्ठा’’ थी और उसने भाजपा से सवाल किया कि उसने 2019 में बारी-बारी से मुख्यमंत्री बनने के समझौते का सम्मान करके ‘‘बड़ा दिल’’ क्यों नहीं दिखाया।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि फडणवीस के मुख्यमंत्री के बजाय उपमुख्यमंत्री बनने के फैसले का उनका ‘‘दिल बड़ा’’ बताकर और ‘‘पार्टी के निर्देशों का पालन करने’’ के तौर पर बचाव किया जा रहा है।