चीन को NSA डोभाल जी का संदेश काफी है ये जताने व बताने के लिए कि अब भारत नेहरू वाला नहीं
महादेव की नगरी से डोभाल की चीन को चेतावनी,जररूत पड़ी तो बाहर की धरती से भी युद्ध करने को तैयार
कल देश ने धूमधाम से विजयदशमी का पर्व मनाया।अन्याय पर न्याय की जीत के इस पर्व पर देशवासियो ने पूर्वजो की परंपरा का निर्वहन करते हुए अस्त्र शस्त्र की पूजा विधि विधान से की।इसी मौके पर भारतीय दिग्गजों ने चीन को इशारो में ही बेहद कड़ा संदेश दिया उत्तराखंड के हरिद्वार मे एनएसए अजीत डोभाल ने चीन से चलती तनातनी के बीच भारत पर अपनी गंदी नजर गड़ाने वालो को युद्ध का मंत्र दिया है।
उन्होंने कहा किसी इच्छा पर नही बल्कि जरूरत या खतरे को देखकर युद्ध करेगे हुम् लड़ाई वही करेगे जहा पर आपकी इच्छा है यह कोई जरूरी नहीं है।हम वही लड़ेंगे जहा से हमे खतरा आ रहा है हम उस खतरे का मुकाबला वही करेगे यह एक बात है लेकिन हमने अपने स्वार्थ के लिए नही किया हम युद्ध तो करेगे अपनी जमीन पर भी करेंगे और बहार भी करेंगे लेकिन हम युद्ध अपने निजी स्वार्थ के लिए नही परमार्थ के लिए करना पड़ेगा।लेकिन इस बयान पर भारत सरकार ने अपनी प्रति किर्या दी सरकार ने कहा है कि डोभाल का बयान चीन को लेकर नही बल्कि भारतीय आध्यत्मिक सोच पर था लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की भारत युद्ध करने से डरता है बल्कि युद्ध और खतरे से नही डरता है और युद्ध के लिए हमेशा तैयार है।
रक्षामंत्री व संघ प्रमुख का चीन के प्रति आक्रामक तेवर जो तेचीन के प्रति एनएसए अजित डोभाल के थे वही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अख्तियार किये । दोनो दिगज्जो ने चीन को अपनी सक्ति के साथ संस्त्र पूजा कर उसे हद में रहने की चुनोती दी है ।दशहरे के मौके पर रक्षा मंत्री ने दार्जिलिंग में33 वी कोर कमांडर के मुख्यालय पर जवानों को संबोधित करते हुए कहा है की भारत चीन सीमा पर जो तनाव चल रहा है भारत तो चाहता है शांति स्थापित हो लेकिन कभी कभी ऐसी नापाक हरकते होती रहती है उन्होंने जवानों का हौसला अफजाई करते हुए कहा है देश को आप पर नाज है हमे पूर्ण विश्वास है कि हमारी सेना के जवान अपने देश की एक एक इंच भी जमीन जाने नही देंगी
मोहन भागवत ने चीन के विस्तार वाद को दिखाया भारतीय ताकत का अहसास ।केंद्र सरकार के सबसे करीब आरएसएस संगठन ने भी विजयदशमी के पर्व पर दशहरा पूजा कर कहा चीन ने जो अपने सामरिक बल के अभिमान मे हमारी सीमाओ का जो अतिक्रमण किया है और जिस प्रकार का व्यहवार किया है ऐसा व्यवहार सिर्फ हमारे साथ ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के साथ किया है इस बात से दुनिया परिचित है कि उसका चरित्र विस्तारवादी है लेकिन इस बार भारत की आक्रामक प्रतिकिर्या से उसको जरूर धक्का लगा होगा।
लेकिन तीनो दिग्गजो के बयान से यह सीधा ज्ञात होता है कि बयान किसके प्रति ओर किस अंदाज में दिये गए है चीन से भारत की 6 महीनों से तनातनी चल रही है समाधान करने के लिए7वे दोर की बैठक हो चुकी है और अग्रिम बैठक की तैयारी चल रही है भले ही अजित डोभाल जी ने बयान में किसी का नाम नही लिया हो लेकिन इशारा काफी है कि निशाने पर कौन है
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