ये मांग लगातार सुदर्शन न्यूज़ ने वामपंथी वर्ग अरु हिन्दू विरोधी फैक्ट चेकारो के तमाम विरोधों के बाद भी लगातार उठाई थी.. उस समय इसको साम्प्रदायिक और न जाने क्या क्या अपने हिसाब से नाम दिया गया था लेकिन आखिरकार सुदर्शन न्यूज़ की खबर का सार्थक असर देखने को मिल रहा है. भारत में काबू हो चुके कोरोना को पूरे देश में बेकाबू करने की सबसे बड़ी गुनाहगार मानी जा रही तबलीगी जमात के खिलाफ अब स्वर मुखर होते जा रहे हैं. शासन के लिए तबलीगी जमाती चुनौती बने हुए हैं.
प्रदेश में लगातार जो मामले कोरोना के सामने आ रहे हैं, उनमें कई जमात से जुड़े हुए लोग हैं. इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने प्रदेश में तबलीगी जमात को प्रतिबंधित करने की मांग की है. इसके लिए आयोग के सदस्यों ने मुख्य सचिव राजेद्र कुमार तिवारी को चिट्ठी लिखकर इसे बैन किए जाने की मांग की है. परविंदर सिंह ने कहा कि आयोग के सदस्यों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह संस्तुति की है. आयोग के तमाम सदस्यों ने इस मसले पर विचार विमर्श किया और उसके बाद इस अंतिम नतीजे पर पहुंचा है. लिहाजा तबलीगी जमातियों पर प्रदेश सरकार तुरंत प्रतिबंध लगाए. आपको बता दें इससे पहले भी राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने तबलीगी जमात को बैन करने के लिए प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखा था.
यूपी में अपना क्वॉरेंटाइन (Quarantine) पूरा कर चुके देशी, विदेशी बंदियों के लिए कुल 34 अस्थाई जेल बनाई गई हैं. यहां 156 विदेशी जमातियों के साथ कुल 288 आरोपी रखे गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा 65 विदेशी जमाती सहारनपुर जेल में बंद हैं. विदेशी जमातियों पर टूरिस्ट वीज़ा पर जमाती गतिविधियों में शामिल होने और लॉक डाउन तोड़ने और एपेडेमिक एक्ट उल्लंघन का आरोप है. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि लगातार निजामुद्दीन से आकर पूरे प्रदेश में जमातियों ने कोरोना महामारी को फैलाया है. ये लोग कभी मदरसों में, कभी मस्जिदों में, कभी मुस्लिम बस्तियों में छुपकर मासूम लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं और कोरोना वायरस को फैला रहे हैं. हमारी राज्य सरकार से मांग है कि तबलीगी जमातियों को तत्काल प्रतिबंधित किया जाना चाहिये.