कोरोना वायरस अब यूपी के सभी 75 जिलों में फैल गया है। अब तक कोरोना मुक्त रहे चंदौली जिले में भी एक कोरोना मरीज मिल गया। 12 मार्च को नोएडा में पहला मामला आया था जिसके बाद शुरू हुई कोरोना की जंग अब धीरे-धीरे और गंभीर होती जा रही है। शुरुआती दौर में औसतन प्रतिदिन 60 मरीज कोरोना की चपेट में आ रहे थे लेकिन अप्रैल आते-आते यह संख्या 100 तक पहुँच गई। मई आते-आते मृतकों की संख्या ने भी रफ्तार पकड़ ली। डॉक्टर, पुलिसकर्मी, बैंककर्मी सभी कोरोना का शिकार हो चुके है।संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने 496 हॉटस्पॉट बनाये हुए है और सभी हॉट स्पॉट्स क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखते हुए एक-एक की जांच की जा रही है। इसी बीच अच्छी खबर यह भी है कि स्वस्थ हो रहे मरीजों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ा है। सरकार के सामने प्रवासी मजदूर एक बड़े संकट के तौर पर है, इन्होंने प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को एक नई चुनौती दी है। प्रवासी मजदूरों में कोरोना की पुष्टि हो रही है, जिससे ग्रामीण इलाकों में कोरोना के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने जारी की गाइडलाइन -
प्रवासी मजदूरों के माध्यम से फैलने वाले संक्रमण को ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, WHO और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने संयुक्त रूप से गाइडलाइन जारी की है। प्रवासी श्रमिकों के लिए मेडिकल प्रोटोकॉल बनाये गए हैं, जिसमें बाहर से घर लौटने पर सभी प्रवासियों का जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण एवं स्क्रीनिंग की जानी है। जिला प्रशासन द्वारा प्रवासियों को सरकार द्वारा क्वारंटाइन फैसिलिटी में रखा जाएगा।श्रमिको की जांच में संक्रमण पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा और यदि जांच में संक्रमण नहीं पाया जाता है तो दुबार 7 दिन क्वारंटाइन में रखकर जांच की जाएगी। 7 दिन के बाद संक्रमण न होने पर उसे घर भेज दिया जाएगा। जहाँ उसे खुद 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा। होम क्वारंटाइन के दौरान यदि खांसी, बुखार या सांस लेने में कोई कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत आशा या सरकार की हेल्पलाइन नंबर (1800-180-5145) पर संपर्क करना होगा।