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'हमारा सौभाग्य है कि हम आजादी के अमृत महोत्सव के बन रहे हैं साक्षी': सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने विद्या भारती द्वारा आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में किया संबोधित, विद्या भारती देश की नई पीढ़ी को खड़ा करने का कार्य कर रही है

रजत के.मिश्र, Twitter - rajatkmishra1
  • May 19 2022 10:52PM

इनपुट-श्वेता सिंह, लखनऊ

 
1947 में देश को आजादी तो मिली लेकिन क्या अमर बलिदानियों की भावनाओं के अनुरूप आगे बढ़ाया गया। आजादी के बाद से लगातार तुष्टीकरण की राजनीति की गई। यह देश 70 वर्षों तक लगातार रेंगता रहा। देश का विकास क्या होता है, यह प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में विगत आठ वर्षों में देश ने देखा है। 
 
अलगाववाद, नक्सलवाद पर प्रहार किया गया। बिना भेदभाव के शासन की योजनाओं का लाभ लोगों को मिला। ये बातें मुख्यमंत्री ने विद्या भारती द्वारा आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीर में धारा 370 को समाप्त किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी जी का दृढ़संकल्प देखने को मिला। साथ ही आस्था का सम्मान भी किया गया। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोग कहते थे कि अयोध्या का नाम लेने से दंगा हो जाएगा, लेकिन आज बिना किसी रुकावट के राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। सभी ने न्यायालय का सम्मान किया। सभी ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार किया। उन्होंने कहा कि एक स्वर में बोलने की आवश्यकता है। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्या भारती की शुरुआत 1952 में गोरखपुर से हुई थी। आज विद्या भारती के हजारों शिक्षा के केंद्र हैं। विद्या भारती देश की नई पीढ़ी को खड़ा करने का कार्य कर रही है। उन्होंने विद्या भारती के वीर गाथा अभियान की सराहना की। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हम आजादी के अमृत महोत्सव के साक्षी बन रहे हैं। हम भावी पीढ़ी को बता सकेंगे कि उस समय कैसा माहौल था। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना प्रबंधन में भारत ने दुनिया में बेहतर परिणाम दिए। कोरोना काल में सबसे अधिक शिक्षा प्रभावित हुई। डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से आनलाइन शिक्षा को सुचारु रखा गया। उन्होंने कहा कि हमें रुढ़िवादी सोच से बचना होगा और तकनीक को अपनाना होगा।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव से सभी को जुड़ना होगा। 25 वर्ष बाद शताब्दी वर्ष में हमें कैसा भारत चाहिए। इसकी परिकल्पना करके प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी होगी। इसे हर व्यक्ति अपने जीवन का ध्येय बना ले तो एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण न हो, इसका कोई कारण नहीं है। यही हमारा संकल्प होना चाहिए।

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