वैसे तो सरकार के द्वारा अधिकारियों का स्थानांतरण और पदस्थापन सरकार के द्वारा एक सामान्य प्रक्रिया है। परंतु सूत्र बताते हैं कि झारखण्ड राज्य के लोहरदगा के पुलिस पदाधिकारी डीएसपी "जितेंद्र कुमार" का लोहरदगा से स्थानांतरण कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं है। डीएसपी जितेंद्र कुमार ने अपने कर्तव्य निष्ठा का अनुपालन करते हुए लोहरदगा ज़िले में बांग्लादेशी, पाकिस्तानी और रोहिंग्या घुसपैठियों के विभिन्न क्षेत्रों में संरक्षण देने वाले एक संप्रदाय विशेष (मुस्लिम) के 13 लोगों पर आरोप लगाते हुए एडीजी विशेष शाखा को जांच रिपोर्ट "विवरण संदेश"(Report) भेजा था।
इस प्रतिवेदन पर परख और परीक्षण के उपरांत अग्रेतर कार्यवाही संवैधानिक प्रक्रिया की जानी चाहिए थी, लेकिन सरकार और उसकी इकाइयों ने इसे न कर के उस डीएसपी का ही ट्रांसफर कर दिया। स्थानीय बताते हैं कि ये सब हुआ है ज़िले के कांग्रेस के बड़े नेताओं के इशारे पर ताकि उनका वोट बैंक न बिगड़ जाए। यही कारण था कि रिपोर्ट लीक होने के बाद राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण आनन-फानन में उनका स्थानांतरण कर दिया गया।