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दीपावली से पहले मोदी सरकार देशवासियों को दे सकती है बड़ा तोहफा

मोदी सरकार कोरोना महामारी के लिए घोषित राहत पैकेज के तीसरे चरण की घोषणा करने की तैयारी में है और इस बार सरकार सीधे शहरी रोजगार योजनाओं में पैसा लगाने की बजाय इनसे जुड़ी कंपनियों में निवेश कर सकती है. माना जा रहा है कि सरकार उन इंडस्ट्रीज के लिए राहत पैकेज जारी कर सकती है, जिन पर कोरोना वायरस महामारी की सबसे बड़ी मार पड़ी है.

Alok Jha
  • Oct 27 2020 2:27PM
मोदी सरकार कोरोना महामारी के लिए घोषित राहत पैकेज के तीसरे  चरण  की घोषणा करने की तैयारी में है और इस बार सरकार सीधे शहरी रोजगार योजनाओं में पैसा लगाने की बजाय इनसे जुड़ी कंपनियों में निवेश कर सकती है. माना जा रहा है कि सरकार उन इंडस्ट्रीज के लिए राहत पैकेज जारी कर सकती है, जिन पर कोरोना वायरस महामारी की सबसे बड़ी मार पड़ी है.
सरकार इस पैकेज के तहत अर्बन प्रोजेक्ट्स के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को बढ़ावा दे सकती है. वहीं, ज्यादातर सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड-इंसेंटिव्स को भी विस्तार दिया जाएगा. इसके अलावा हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए सीधे मदद दी जा सकती है. सरकार के इस राहत पैकेज में नौकरियों में निवेश का पूरा प्लान है. केंद्र सरकार कोरोना संकट से देश की अर्थव्‍यवस्‍था को उबारने की हरसंभव कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में फिलहाल सरकार तीसरे प्रोत्‍साहन पैकेज पर काम कर रही है. इससे पहले सरकार ने मार्च 2020 के आखिर में लॉकडाउन शुरू होने के बाद प्रोत्‍साहन पैकेज का ऐलान किया था.

सरकार ने अब शहरी रोजगार योजना के प्रस्ताव में निवेश को टाल दिया है. इस मामले में पॉलिसी मेकर्स का कहना था कि शहरी परियोजनाओं से जुड़ी केंद्र और राज्य सरकारों की कंपनियों में निवेश से भी रोजगार के मौके बढ़ेंगे. लिहाजा, अलग से स्कीम में पैसा लगाने की जरूरत नहीं है.इस पैकेज में सरकार का फोकस टीयर-1 से लेकर टीयर-4 तक की परियोजनाओं पर होगा. इन परियोजनाओं में निवेश बढ़ाकर रोजगार के नए मौके पैदा किए जा सकते हैं. सरकार ने इस बार प्रोत्‍साहन पैकेज के लिए नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन से 20-25 परियोजनाओं को चुना है. इनमें पूंजी का खर्च तेजी से बढ़ाया जा सकता है.

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से यह देश के लिए तीसरा राहत पैकेज होगा. बता दें कि मार्च 2020 में सरकार ने प्रधानंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKP) के लिए 1.70 लाख करोड़ खर्च करने का ऐलान किया था ताकि संकट के दौर में गरीबों की मदद की जा सके. इसके बाद मई 2020 में 20.97 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया गया था और हाल में वित्‍त मंत्री सीतारमण ने बड़ी सरकारी कंपनियों को पूंजीगत खर्च बढ़ाने और दिसंबर 2020 तक 75 फीसदी हिस्‍सा खर्च करने को भी कहा है.

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