इनपुट-शैलेंद्र पांडेय,लखनऊ
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार ऊपर बोलते हुए कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं बिल्कुल बर्बाद होने कगार पर है ।अस्पतालों में अराजकता का माहौल है। मरीजों को न तो सही से इलाज मिल रहा है और भर्ती मरीजों के परिवार वालो से अभद्रता तो आम बात हो गई है।सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में मंत्री जी के छापेमारी के बावजूद भी कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। आम आदमी अब सरकारी अस्पतालों में जाने से डरने लगा है।
बहराइच के महसी विधान सभा से विधायक ने जब अपने भाभी को बहराइच मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए गए तो वहां पर एक घंटे तक कोई स्वास्थ्य कर्मी नही था।काफी मशक्कत के बाद बाहर से किसी को बुलाकर इंजेक्शन लगवाया गया, तब जाकर उनकी जान बची जब सत्ता दल के विधायक की सुनवाई नहीं हो रही है तो आम आदमी का क्या होता होगा इसी तरह से बलरामपुर के जिला महिला अस्पताल में स्टाफ नर्स और डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात की जान चली गई। कारण सिर्फ इतना था कि नवजात का पिता स्टाफ नर्स को प्रसव के नाम पर 2600 रुपये नहीं दे सका था। कुशीनगर में घरवाले मरीज को ठेला पर ले जाने के लिए मजबूर हुए। अस्पतालों और एंबुलेंस की व्यवस्था चौपट है। उन्नाव में एक बेटा अपनी मां का शव ठेला पर ले गया।
गोण्डा के जिला महिला अस्पताल में एम्बूलेंस में प्रसव के बाद भी तीमारदार से दो हजार रूपए वसूल लिए गए। राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में इलाज पाना बहुत मुश्किल है। बड़े डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं रहते,रेजीडेंट्स के सहारे व्यवस्था चल रही है। लारी कार्डियोलॉजी में दिल के गंभीर मरीजों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। ज्यादातर बाहर से ही दवाइयां मंगाई जा रही है। जब समाजवादी पार्टी के सरकार में गंभीर मरीजों के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा, प्रसूताओं के लिए 102 एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई थी। एक रुपए की पर्ची पर मुफ्त इलाज और दवाइयों की व्यवस्था थी। गंभीर और असाध्य रोगों कैंसर, दिल, किडनी, और लीवर के इलाज की मुफ्त व्यवस्था थी। उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा लखनऊ में कैंसर अस्पताल की स्थापना भी की गई थी। जिसे भाजपा सरकार ने बंद करवा दिया।