पहले भी हो चुकी हैं बड़ी मात्रा में नशेड़ी गैंग से बरामद
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ठूठीबारी जमुई गांव का दो दशक पूर्व गोविंद जमुई वाला ने झोलाछाप के रूप में अपने करियर की शुरूआत की। गांव-गांव घूम कर लोगों को दवाइयां देता था ।कुछ दिनों तक डिटर्जेंट पाउडर के कारोबार से भी जुड़ा रहा ।
जब इस धंधे में कमाई हुआ तो गड़ौरा बाजार में मेडिकल स्टोर खोल लिया। इसी दौरान अपना नेटवर्क खड़ा कर उसने नेपाल से नशीली दवाओं की तस्करी शुरू कर दी। साथ ही भारत के अलावा नेपाल में भी अपनी मजबूत पकड़ बना ली। कुछ जयचंद के मदद से दवा तस्करी के धंधे की बदौलत निचलौल सहित कई स्थानों पर भूम खरीदी।
अपनी पहुंच से सीमा क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक लोगों को उसने मेडिकल स्टोर का लाइसेंस दिलाया। कई ने थोक कारोबार का भी लाइसेंस प्राप्त कर लिया। 31 अगस्त को गोविंद गुप्ता के घर पर हुई छापेमारी में 686 करोड़ रुपये की दवाएं बरामद हुई थीं और आज गोविंद जेल के सलाखों के पीछे सड़ रहा हैं।