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शिक्षक, शिक्षिकाए को किया गया सम्मानित, जिला अधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला

87 शिक्षकों को अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र देकर किया गया सम्मानित

ज्ञान चन्द्र शुक्ल
  • Sep 7 2021 8:42AM
*शिक्षक दिवस पर सम्मानित हुए शिक्षक एवं शिक्षिकाएं, डीएम ने 87 शिक्षकों को अंगवस्त्र व प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित* *कुम्हार जिस तरह मिट्टी से एक घडा बना देता है उसी तरह एक शिक्षक की भूमिका होती है- डीएम* *प्रारंभिक पाठशाला बुनियादी शिक्षा होती है - डीएम* पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस पर बीते वर्षों में शिक्षण क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने, बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह भरने और कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास के संचालन एवं आदि क्षेत्र में योगदान वाले 87 शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को भजन संध्या स्थल सीतापुर चित्रकूट में जिलाधिकारी श्री शुभ्रान्त कुमार शुक्ल द्वारा अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। दीप प्रज्वलित कर एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण के उपरान्त मुख्य अतिथि जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में सभी शिक्षकों /शिक्षिकाओं को बधाई दी जिस तरह कुम्हार मिट्टी से एक घडा बना देता है उसी तरह शिक्षक की भूमिका होती है उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की दशा और दिशा तय करते हैं। वे अपने ज्ञान के माध्यम से बच्चों में नैतिकता, राष्ट्र प्रेम व कुछ कर गुजरने का जज्बा भरने का काम करते हैं। उन्होंने कहा प्राथमिक शिक्षा बुनियादी शिक्षा होती है जिससे बच्चों की नींव पड़ती है उन्होंने कहा कि हमारे समाज में गुरू को भगवान से बड़ा दर्जा आदि काल से ही दिया गया है। उन्होंने कहा कि गुरु से हम काफी कुछ सीखते हैं विश्वामित्र ने सांसारिक ज्ञान दिया तथा महाभारत में गुरु द्रोणाचार्य शिक्षक के रूप में कार्य किए उन्होंने कहा इस अवसर पर सभी गुरुओं का वंदन करते हैं आज के परिवेश में पुस्तकीय ज्ञान ही प्रासंगिता नहीं रह गई है, बल्कि सामाजिक मूल्यों की भी जानकारी देना आवश्यक है। उन्होंने कहा बच्चा अपने घर से ही सीखना प्रारंभ करता है। इसी के साथ बालिका व महिला सशक्तीकरण को लेकर सरकार द्वारा तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने इस अवसर पर सम्मानित होने वाले गुरूजनों को बधाई दी। सम्मान समारोह में बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव रंजन मिश्र ने कहा कि गुरु का स्थान महत्वपूर्ण होता है जिससे हम कुछ सीख सकते हैं कहा कि माता-पिता और शिक्षक दुनिया के सबसे बड़े मार्गदर्शक हैं। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा नींव मजबूत करने का काम करती है तो वहीं माध्यमिक शिक्षा बच्चों का वास्तविक चरित्र निर्माण का कार्य करती है। उन्होंने सभी शिक्षकों को इस अवसर पर बधाई दी। इस अवसर पर सभी खंड शिक्षा अधिकारी तथा शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक साकेत बिहारी स्कूल ने किया।

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