3 December Parliament Attack: 20 साल पहले आज ही का दिन था, जब आतंकवादी (Terrorist) लोकतंत्र का मंदिर (Temple of Democracy) कहे जाने वाले संसद (Parliament) परिसर में घुस आए थे. आतंकवादियों की इस करतूत से देश की रक्षा एजेंसियों के साथ ही समस्त देशवासी सकते में आ गए थे. अमेरिका (America) में हुए 9/11 आतंकवादी हमलों (9/11 Terrorist Attacks) के सिर्फ 3 महीने बाद ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में लोकतंत्र के मंदिर को ही आतंकवादियों ने निशाना बनाया.
इस आतंकी हमले ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया था. गृह मंत्रालय (Home Ministry) और संसद के नकली स्टिकल लगी कार में सवार होकर आतंकवादी संसद परिसर में घुस आए थे. आजादी के बाद यह पहला अवसर था, जब संसद परिसर में आतंकवादी घुस आए और उस आतंकवादी हमले का खौफ आज भी देश की जनता के जेहन में ताजा है.
जानिये उस दिन का पूरा घटनाक्रम
संसद में उस समय शीतकालीन सत्र चल रहा था. सभी दलों के सांसद मौजूद थे. ताबूत घोटाले के मसले पर विपक्ष के हंगामे के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को करीब 40 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया गया था . इसके बाद नेता विपक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी अपने आवास की तरफ जा चुके थे. तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित करीब 200 सांसद संसद के अंदर ही मौजूद थे. इसी बीच संसद के बाहर गोलीबारी की आवाज ने सिर्फ संसद भवन को नहीं बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. करीब 45 मिनट तक गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजती रही. देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर आतंकवादियों ने हमला बोल दिया था.
जांबाज सुरक्षाकर्मियों ने नाकाम किए थे आतंकियों के मंसूबे
किसी सुरक्षाकर्मी ने संसद का आपातकालीन (Emergency) अलार्म बजा दिया और सभी गेट बंद कर दिए. सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाला और एक-एक करके सभी आतंकियों को मार गिराया गया. आतंकी किसी भी कीमत पर संसद में घुसकर नेताओं को मार गिराना चाहते थे लेकिन करीब 45 मिनट तक चली गोलीबारी में सभी आतंकवादी ढेर हो गए.
ढेर होने से पहले अत्याधुनिक एके-47 से लैस आतंकियों ने संसद में घुसने की हरसंभव कोशिश की और अंदर हथगोले फेंके. आतंकियों मे आत्मघाती विस्फोट भी किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों के आगे उनकी एक ना चली. आतंकी हमले में देश के सात सुरक्षाकर्मियों समेत 8 लोग बलिदान हो गए. 16 सुरक्षाकर्मी इस हमले में घायल भी हुए, मगर उन सबने आतंकवादियों के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया.