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बहुत कुछ हड़प कर हज़म कर चुके आज़म खान पर एक और प्रशासनिक चाबुक.. इस बार शिक्षा के नाम पर उनके काले धंधे पर प्रहार

इस वर्ष के शुरुआती जनवरी माह में ही तहसील प्रशासन ने इस जमीन को शासन में निहित करा दिया था. तब अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत ने इस जमीन को सरकार में निहित करने के आदेश दिए थे.

Abhay Pratap
  • Sep 10 2021 4:46PM

एक समय यूपी के शासन तथा प्रशासन को अपने इशारों पर नचाने वाले समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान योगीराज में जेल की सलाखों के पीछे कैद हैं. भूमाफिया घोषित हो चुके आजम खान से योगी सरकार उनके काले कारनामों का चुन चुन कर हिसाब ले रही है. इस बीच समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान पर प्रशासन का एक और चाबुक चला है.

खबर के मुताबिक, आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी की पूरी जमीन पर अब सरकार ने कब्जा कर लिया है। गुरुवार को यूनिवर्सिटी पहुंची तहसील की टीम ने जमीन पर कब्जा करने के साथ ही आजम खां के मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट को बेदखल कर दिया. यह ट्रस्ट ही यूनिवर्सिटी को संचालित करता है. आजम खां इसके अध्यक्ष हैं, जबकि उनकी पत्नी शहर विधायक डा. तजीन फातिमा सचिव हैं.

आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के भूमाफिया सांसद आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जा करने के लिए दोपहर तीन बजे तहसीलदार सदर प्रमोद कुमार के नेतृत्व में टीम पहुंची. तहसीलदार ने जौहर यूनिवर्सिटी के कुलपति सुल्तान मुहम्मद खां से बात की. उनसे दखलनामा पर हस्ताक्षर करने को कहा लेकिन, उन्होंने खुद को मुलाजिम बताते हुए हस्ताक्षर करने में असमर्थता जता दी. इस पर दो गवाहों और पुलिस की मौजूदगी में 173 एकड़ जमीन की कब्जा बेदखली की कार्रवाई की गई।

गौरतलब है कि इस वर्ष के शुरुआती जनवरी माह में ही तहसील प्रशासन ने इस जमीन को शासन में निहित करा दिया था. तब अपर जिलाधिकारी जगदंबा प्रसाद गुप्ता की अदालत ने इस जमीन को सरकार में निहित करने के आदेश दिए थे. इसके विरोध में जौहर ट्रस्ट हाईकोर्ट चला गया, लेकिन छह सितंबर को कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. प्रशासन के फैसले को सही ठहराया.

इसके बाद ही तहसील प्रशासन ने बेदखली की कार्रवाई की है. जौहर यूनिवर्सिटी के पास करीब 265 एकड़ जमीन थी लेकिन, अब 12.50 एकड़ ही बची है. यह जमीन भी यूनिवर्सिटी परिसर से बाहर बताई जा रही है. बताया गया है कि यह जमीन ट्रस्ट ने सबसे पहले खरीदी थी, इसलिए इसे ट्रस्ट के कब्जे में छोड़ा गया है, बाकी जमीन सरकार के कब्जे में आ गई है.

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