हरिद्वार धर्म संसद में कथित तौर पर भड़काऊ बयान मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व के वसीम रिजवी) को को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी के बाद हिंदू संगठनों में रोष व्याप्त है तथा लोग सोशल मीडिया पर त्यागी की रिहाई की मांग कर रहे हैं. जितेंद्र नारायण त्यागी को हरिद्वार पुलिस ने 13 जनवरी की शाम को नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया था.
जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी के बाद जून अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती हर की पैड़ी पर अन्न जल त्याग कर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. यति नरसिंहानंद ने घोषणा की है कि जब तक जितेंद्र नारायण त्यागी की रिहाई नहीं हो जाती है, वह अन्न और जल ग्रहण नहीं करेंगे और और हरी की पैड़ी पर बैठा रहेंगे.
प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, महामंडलेश्वर व धर्म संसद कोर कमेटी के सदस्य यति नरसिंहानंद ने जितेंद्र त्यागी की गिरफ्तारी पर अनशन शुरु कर दिया है. अदालत से जमानत न मिलने पर यति नरसिंहानंद सर्वानंद घाट पहुंचे और अनशन पर बैठ गए. उनका कहना है कि जब तक जितेंद्र नारायण त्यागी को रिहा नहीं किया जाता वह अनशन पर ही रहेंगे. उनके समर्थन में साधु संतों ने भी जुटना शुरु कर दिया है.
बता दें कि पिछले साल 17 से 19 दिसंबर को हरिद्वार के वेद निकेतन आश्रम में धर्मसंसद आयोजित की गई थी. आरोप है कि धर्म संसद में कथित तौर पर भड़काऊ बयानबाजी की गई थी. इस मामले में उत्तराखंड पुलिस ने FIR दर्ज की थी. इसके बाद हरिद्वार में धर्म संसद में कथित हेट स्पीच मामले में कॉन्ग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट भी मामले की जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया था.
कॉन्ग्रेस के नेता और वकील कपिल सिब्बल ने याचिका में कहा था कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद में जो हुआ, उस संबंध में मैंने यह जनहित याचिका दाखिल की है. हम मुश्किल दौर में जी रहे हैं, जहाँ देश के नारे सत्यमेव जयते से बदलकर सशस्त्रमेव जयते हो गए हैं.
प्रमुख न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने सिब्बल से पूछा था कि कि क्या इस मामले में पहले ही जाँच नहीं हो चुकी है? इस पर सिब्बल ने बताया कि मामले में सिर्फ FIR दर्ज हुई है, ना कोई कार्रवाई हुई, ना गिरफ्तारी. इस पर CJI ने याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई के सहमति दे दी थी. अब इस मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.