बुधवार दोपहर लगभग 12 या 1 बजे, जब पूरे देश के सामने ये खबर सामने आई की CDS बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है, तब न सिर्फ उनके करीब बल्कि पूरा भारतवर्ष चिंतित हुआ और सभी लोग उनके कुशल होने की कामना करने लगे, लेकिन शायद समय को कुछ और ही मंजूर था और CDS रावत के देहांत की खबरों ने हर भारत वासी को वैचारिक और मानसिक रूप से तोड़ के रख दिया।
जनरल बिपिन रावत ने अपना पूरा जीवन देश और सेना को समर्पित कर दिया, वे देश के पहले CDS बने और तत्परता से अपने काम का निर्वहन कर ही रहे थे कि ऐसी खबरों ने उनके शौर्य से अभिभूत कार्यकाल पर विरामचिन्ह लगा दिया। लेकिन अब CDS जैसा बड़ा पद खाली है, और सैन्य जानकारों के मुताबिक इस महत्वपूर्ण पद का कार्यभार किसी को नहीं दिया जा सकता. इस पद पर नई नियुक्ति ही की जाएगी. रक्षा मामलों से जुड़ी एक उच्च स्तरीय समिति यह तय करेगी कि अगला सीडीएस कौन होगा.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद
आपको बता दें कि भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद सृजित करने की सिफारिश साल 2001 में मंत्रियों के एक समूह ने की थी. यह जीओएम कारगिल समीक्षा समिति (1999) की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा था. GoM की इस सिफारिश के बाद सरकार ने साल 2002 में इस पद को सृजित करने के लिए इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ बनाया. जिसे CDS सचिवालय के तौर पर काम करना था.
फिर दस साल बाद साल 2012 में सीडीएस को लेकर नरेश चंद्र समिति ने स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष को नियुक्त करने की सिफारिश की. इसके बाद से ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद के लिए पूरा मसौदा तैयार करने की कवायद चल रही थी. जिसे साल 2014 के बाद एनडीए सरकार ने तेज कर दिया.
सीडीएस पद के प्रावधान
सीडीएस (CDS) पद पर तैनात अधिकारी का वेतन और सुविधाएं अन्य सेना प्रमुखों के बराबर रखी गई हैं. किसी सेना प्रमुख को सीडीएस बनाए जाने पर आयु सीमा का नियम बाधा न बने, इसीलिये सीडीएस पद पर रहने वाले अधिकारी अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक इस पद पर काम कर सकेंगे.
यानी अब सेना प्रमुख अधिकतम 62 वर्ष की आयु या 3 वर्ष के कार्यकाल तक अपने पद पर रह सकते हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने सेना के नियम 1954, नौसेना (अनुशासन और विविध प्रावधान) विनियम 1965, सेवा की शर्तें और विविध विनियम 1963 और वायु सेना विनियम 1964 में संशोधन किया है.
सीडीएस की जिम्मेदारियां
सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में सीडीएस काम करते हैं. वह रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्य होते हैं. साथ ही सीडीएस परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार भी होते हैं. एकीकृत क्षमता विकास योजना के तहत सीडीएस रक्षा से जुड़ी पूंजीगत अधिग्रहण पंचवर्षीय योजना और दो वर्षीय सतत् वार्षिक अधिग्रहण योजना को भी कार्यान्वित करते हैं.