असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा चुनाव से पहले जो वादे किए थे, जो संकल्प दिखाया था, सीएम बनने के बाद वह उन्हें पूरी तरह से लागू करते हुए नजर आ रहे है. इसी में से एक वादा था बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा कब्जा की गई जमीन को मुक्त कराना. इसी क्रम में आज असम का दरंग जिला उस समय सुलग उठा जब बांग्लादेशियों द्वारा कब्जा की गई करीब 4500 बीघा जमीन को कब्जा मुक्त कराने गई पुलिस टीम पर उन्मादी भीड़ द्वारा भीषण हमला कर दिया गया.
हजारों की संख्या में उन्मादी भीड़ पुलिस पर टूट पड़ी, जिसके बाद इलाका हिंसा से सुलग उठा. ये हिंसा असम के दरंग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गाँव की है. उन्मादियों की हिंसा में पुलिस के 9 जवान घायल हो गए हैं. इसके अलावा पुलिस की कार्यवाई में हिनक भीड़ में से दो लोगों के मारे जाने की भी खबर सामने आ रही है.
खबर के मुताबिक़, लगभग 4500 बीघा भूमि पर कब्जा करने वाले कम से कम 800 परिवारों को सोमवार को अवैध अतिक्रमण के खिलाफ राज्य सरकार के अभियान के तहत बेदखल कर दिया गया था. परिवारों ने उस दिन अपना सामान स्थानांतरित करने के बजाय कोई प्रतिरोध नहीं दिखाया. बेदखली की प्रक्रिया को जारी रखते हुए असम सरकार आज सिपाझार के ढालपुर में बेदखली के लिए गई, जहां उन्मादी भीड़ पुलिस पर टूट पड़ी.
बताया जा रहा है कि दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी गांव में पुलिस लोगों को हटाने गई थी. दावा है कि ये लोग यहां अतिक्रमण कर रहे थे. गांव में ज्यादातर पूर्वी बंगाली मूल के मुसलमान की है. जब लोगों को हटाने के लिए पुलिस गई तभी कब्जाधारी लोगों के साथ झड़प हो गई. इस झड़प में दो कथित प्रदर्शनकारी मारे गए तो वहीं 9 पुलिस वाले गंभीर रूप से घायल हो गए. फिलहाल इलाके में तनाव है तो वहीं इस घटना को लेकर सियासत भी तेज हो गई है तथा कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तरफ से हिंसक भीड़ के पक्ष में ब्यान आये हैं.