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पूर्व RBI गवर्नर उर्जित पटेल की वापसी, NIPFP चेयरमैन का पद संभाला

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस यानी NIPFP वित्त मंत्रालय, योजना आयोग और कई राज्यों ( अब नीति आयोग ) की ओर से स्थापित एक स्वायत्त संस्था है. गवर्निंग काउंसिल की ओर से पटेल को NIPFP का चेयरमैन नियुक्त करने से यह साफ हो गया है कोविड-19 के इस मुश्किल दौर में सरकार उनके अनुभव का लाभ लेना चाहती है.

Abhishek Lohia
  • Jun 20 2020 9:17PM
सरकार से मतभेदों की वजह से अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही आरबीआई गवर्नर का पद छोड़ चुके उर्जित पटेल अब फिर भारत लौट गए हैं. शुक्रवार को उन्होंने देश के प्रतिष्ठित थिंक टैंक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) के चेयरमैन का पद संभाल लिया. इससे पूर्व अर्थशास्त्री और पूर्व ब्यूरोक्रेट विजय केलकर NIPFP क चेयरमैन का पद संभाल रहे थे. वह छह साल तक इस पद पर रहे. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस यानी NIPFP वित्त मंत्रालय, योजना आयोग और कई राज्यों ( अब नीति आयोग ) की ओर से स्थापित एक स्वायत्त संस्था है. गवर्निंग काउंसिल की ओर से पटेल को NIPFP का चेयरमैन नियुक्त करने से यह साफ हो गया है कोविड-19  के इस मुश्किल दौर में सरकार उनके अनुभव का लाभ लेना चाहती है.

केलकर के NIPFP छोड़ने से पहले रथिन राय डायरेक्टर का पद छोड़ चुके थे. इसके अलावा सुमित बोस भी इसके वाइस चेयरमैन का पद छोड़ कर जा चुके थे. गवर्निंग काउंसिल डायरेक्टर के पद पर जल्द बहाली चाहती है. उम्मीद है कि डायरेक्टर पद पर नियुक्ति के लिए जल्द ही सर्च कमेटी बनाएगी.

उर्जित पटेल के कार्यकाल के दौरान सरकार से उनके मतभेद काफी गहरा गए थे. खासकर आरबीआई के सरप्लस ट्रांसफर को लेकर सरकार और उनके बीच टकराव सामने आए थे. शायद इन्हीं वजहों से उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देकर अपना कार्यकाल खत्म होने के दस महीने पहले ही आरबीआई की गवर्नर के पद से इस्तीफा दे दिया था.


पटेल के इस्तीफा देने के बाद सरकार ने पूर्व राजस्व सचिव और आर्थिक मामलों के मंत्रालय के सचिव शक्तिकांत दास को आरबीआई का गवर्नर बनाया था. शक्तिकांत दास आरबीआई के 25 वें गवर्नर थे. उन्होंने 12 दिसंबर 2018 का अपना पदभार ग्रहण किया था. हाल में शक्तिकांत दास ने लिक्विडिटी के मोर्चे पर काफी मजबूत कदम उठाए हैं.

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