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ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #सुदर्शन_न्यूज_से_डरे_मेवात_के_जेहादी हैशटैग . मेवात के हिन्दुओ में अभूतपूर्व उत्साह

न सिर्फ मेवात बल्कि पूरे भारत के आतंक पीड़ित हिन्दुओ में आया साहस.

Rahul Pandey
  • Jun 12 2020 7:36PM

ये लड़ाई थी उनके लिए मान , सम्मान , उनकी जमीनों के साथ साथ उनके न्याय की.. सबसे बड़ा मुद्दा उनका अस्तित्व था वहां के हिन्दुओं के असित्व की रक्षा क्योकि वहां से जिस प्रकार से पलायन हुआ था उसकी चर्चा भी कहीं नहीं हुई .. हिन्दुओ की जीवंत दुर्दशा का सबसे बड़ा प्रमाण कश्मीर तो दुनिया की नजरों में आ गया था लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि मेवात में कब और क्या हो गया ये किसी को भी पता नहीं चला. बाकायदा सोची समझी साजिश के तहत 25 साल लिए गये और हर साल २ गावों क औसत रखा गया. कुल मिला कर 25 साल में 50 गाँवों को धीरे धीरे हिन्दू विहीन कर दिया गया. 

इस मुद्दे पर जिस प्रकार से ख़ामोशी छाई रही वो हैरान करने वाली नहीं रही क्योकि तथाकथित सेकुलरिज्म के नाम पर इस से पहले भी ऐसी घटनाएँ होती रही हैं.. हिन्दुओ को अपनी जमीन जायदाद जो भी मिला , जितना भी मिला वो बेच कर या वैसे ही छोड़ कर चले गये. उनकी फरियाद किसी ने भी नहीं सुनी थी और अब तक उस स्थान अर्थात मेवात का नाम लेते ही धर्मनिरपेक्षता की ऐसी दुहाई दी जाने लगती थी कि ऐसे महसूस होने लगता था कि मेवात की आवाज उठाना तो दूर , मेवात का नाम ले कर किसी ने कोई बड़ी गलती कर दी. अन्दर ही अन्दर वो सब कुछ चलता रहा जो सुदर्शन न्यूज़ अब दिखा रहा है.

इसी बीच में विश्व हिन्दू परिषद की एक रिपोर्ट ने लोगों को चौंका दिया. उस रिपोर्ट में मेवात की भयावहता छिपी थी . मेवात के हिन्दुओ का दर्द छिपा था , जो भाग चुके हैं , जो भागने की तैयारी में हैं और जो जैसे तैसे वहां जमे हुए हैं , उनका वर्णन था. यद्दपि सुरेश चव्हाणके जी ने इस से पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए निकाली यात्रा में भी ये सब बता दिया था कि जहाँ हिन्दू घटा वहां उसको वो सब कुछ देखना पड़ता है जो मेवात में सुनाई दे रहा .. जब सुरेश चव्हाणके जी ने मेवात पर अपने सप्ताह भर पूरे किये तब मेवात के हिन्दुओ नहीं बल्कि वहां के चरमपन्थी तत्वों के साथ उसी क्षेत्र के २ विधायक आफ़ताब और इलियास खड़े हो गये और उन्होने न सिर्फ मुख्यमंत्री से शिकायत की बल्कि आन्दोलन तक की धमकी दे डाली. यद्दपि सुरेश चव्हाणके जी ने अपने अभियान को जारी रखा और वो अभी भी जारी है.

सुरेश चव्हाणके जी के इसी अभियान के फलस्वरूप न सिर्फ मेवात में बल्कि देश के हर हिस्से के हिन्दुओं के अन्दर अतिरिक्त ऊर्जा का संचार हुआ और उन्होंने ऐसी तमाम स्थानों पर हो रहे दमन के प्रतिकार का मन बना लिया. इसी क्रम में अब एक उन्ही के बिंदास बोल के समर्थन में ट्विटर ट्रेंड कर रहा है जिसको नाम दिया गया है #सुदर्शन_न्यूज_से_डरे_मेवात_के_जेहादी . इस पर आम जनता व् सुदर्शन न्यूज़ के समर्थन अपनी अपनी राय रख रहे हैं . यद्दपि इसमें विरोधी भी अपनी मुहिम चलाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनकी संख्या समर्थको के काफी पीछे है. फिलहाल बिंदास बोल ऑन मेवात नाम से महासीराज अभी भी जारी है और तब तक जारी रहेगी जब तक मेवात के हिन्दुओ के लिए सरकारें कड़े कदम नहीं उठा लेती हैं.

 

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