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नंगे पैर व बदन पर धोतीनुमा साड़ी... तुलसी गौड़ा को सम्मानित कर खुद भी सम्मानित हुआ पद्म पुरस्कार

आपको बता दें 72 साल का उम्र। बदन पर कपड़े के नाम पर जैसे कोई चादर चपेटी गई हो। नंगे पैर रेड कार्पेट पर दस्तक। सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसी हस्तियां हाथ जोड़े अभिवादन कर रही हैं। यह हैं तुलसी गौड़ा।

Prem Kashyap Mishra
  • Nov 9 2021 2:40PM

देश बदल रहा है यह हम नहीं आज पूरा भारतवर्ष कह रहा है। एक समय था जब बंद कमरे में बैठकर सम्मान मिल जाता था लेकिन अब तुलसी गौड़ा जी जैसे लोगों को पद्म पुरस्कार मिलना वास्तव में देश के लिए बड़ी बात है और जनता के लिए गौरवान्वित होने का छण क्यूंकि यह पुरस्कार न सिर्फ तुलसी गौड़ा जी को मिला है अपितु यह उन सपनों को भी मिला है जो देश के लिए कुछ करना चाहते हैं, समाज के लिए लड़ना चाहते हैं, पर्यावरण में अपना योगदान देना चाहते हैं,  सपनो को पंख देने वाला यह सराहनीय कदम देश की बदलती तस्वीर का वर्णन करता है।

आपको बता दें 72 साल का उम्र। बदन पर कपड़े के नाम पर जैसे कोई चादर चपेटी गई हो। नंगे पैर रेड कार्पेट पर दस्तक। सम्मान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसी हस्तियां हाथ जोड़े अभिवादन कर रही हैं। यह हैं तुलसी गौड़ा। एक पर्यावरण योद्धा जिन्हें इनसाइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट' के नाम से जाना जाता है। उन्हें भी सामाजिक कार्यों के लिए 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया है।

कर्नाटक में हलक्की स्वदेशी जनजाति से ताल्लुक रखने वाली तुलसी गौड़ा एक गरीब और वंचित परिवार में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने कभी औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की, और फिर भी आज उन्हें 'जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया' के रूप में जाना जाता है। पौधों और जड़ी-बूटियों की विविध प्रजातियों पर उनके विशाल ज्ञान के कारण उन्हें इस नाम से पुकारा जाता है।तुलसी गौड़ा पिछले 6 दशकों से पर्यावरण सुरक्षा का अलख जगा रही हैं।

कर्नाटक के एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मीं गौड़ा कभी स्कूल नहीं गईं लेकिन उन्हें जंगल में पाए जाने वाले पेड़-पौधों, जड़ी-बूटियों के बारे में इतनी जानकारी है कि उन्हें 'इनसाइक्लोपीडिया ऑफ फॉरेस्ट' कहा जाता है। हलक्की जनजाति से ताल्लुक रखने वाली तुलसी गौड़ा ने 12 साल की उम्र से अबतक करीब 30 हजार पौधे लगाकर उन्हें पेड़ का रूप दिया। अब वह अपने ज्ञान के खजाने को नई पीढ़ी के साथ साझा कर रही हैं, पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रही हैं।

आज 72 साल की उम्र में भी, तुलसी गौड़ा पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए पौधों का पोषण करना और युवा पीढ़ी के साथ अपने विशाल ज्ञान को साझा करना जारी रखती हैं।  राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। पद्म पुरस्कारों की 2021 की सूची में सात पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं, जिनमें से 29 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं और एक पुरस्कार विजेता एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति है।

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