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आज है योगी आदित्यनाथ का 49वां जन्मदिन... समर्थक कर रहे कामना... आप जियें हज़ारो साल...

आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 49वां जन्मदिन है.. प्रदेश वासियों के साथ साथ देश और दुनिया के सनातन धर्मी कर रहे हैं उनके स्वस्थ जीवन की कामना

रजत के मिश्र Twitter- rajatkmishra1
  • Jun 5 2021 9:31AM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज 49वां जन्मदिन है। हर साल की तरह इस बार भी वह बगैर किसी आयोजन के रोजाना की तरह बैठकें करेंगे। वैसे भी मुख्यमंत्री जन्मदिन नहीं मनाते हैं। योगी होने के नाते भी वे इन सबसे दूर रहते हैं। अलबत्ता उनके लाखों प्रशंसक उन्हें शुभकामनाएं जरूर देते हैं।
 
हिंदुत्व के सबसे बड़े पैरोकार योगी आदित्यनाथ को इस शुभ अवसर पर सुदर्शन न्यूज़ की बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य का योगी ने जिस कुशलता और सूझबूझ से नेतृत्व किया है, वह विकास की एक नई गाथा तो लिख ही रहा है साथ ही साथ विकास के एक नए मॉडल को भी देश के सामने रख रहा है। जिसे योगी मॉडल कहा जाने लगा है। 

योगी आदित्यनाथ से पहले उत्तर प्रदेश को देश के बीमारू राज्यों में गिना जाता था। क्योंकि योगी से पहले की कांग्रेस, बसपा और सपा सरकारों ने विकास आधारित राजनीति को कभी महत्व ही नहीं दिया था। मुस्लिम तुष्टिकरण इन पार्टियों की सरकारों का हमेशा संयुक्त एजेंडा रहा है। ऐसा नहीं है कि योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद विपक्ष की इस मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का प्रतिकार किया, बल्कि सीएम बनने से पहले भी उत्तर प्रदेश की सरजमीन पर अगर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति की खिलाफत का सबसे बड़ा चेहरा था तो वह भी योगी आदित्यनाथ ही थे।

5 जून 1972 को उत्तराखंड के एक छोटे से गांव पिचूर के आनंद सिंह बिष्ट के घर जन्मा बालक एक दिन देश के सबसे बड़े प्रदेश का मुख्यमंत्री बनेगा यह कोई नहीं जानता था। पिचुर के इस बच्चे को नाम दिया गया अजय सिंह बिष्ट। एक राजपूत माता सावित्री देवी की यह संतान अजय सिंह बिष्ट एक दिन भारतीय राजनीति की अजेय ताकत बन जाएगी उस वक्त ये कल्पना भी कठिन थी। राजनीतिक अजेयता से पहले बालक अजय ने हिंदुत्व की अजेयता के लिए अपने परिवार से खुद को अलग करने का साहसिक कार्य किया।

1993 में अजय गोरखपुर आ गए। यहाँ उनकी मुलाक़ात गोरखनाथ मन्दिर के महंत अवैधनाथ से हुई। महंत अवैधनाथ की दिव्य दृष्टि ने  अजय में छिपी प्रतिभा को पहचाना। 1994 में सन्यास की राह पर चल पड़े इस सन्यासी को नया नाम मिला। वह नाम था योगी आदित्यनाथ... इस योगी ने उस वक्त पूर्वांचल में पनप रही जेहादी मानसिकता को रोकने की ठानी। यह वह दौर था जब जेहादियों को उत्तर प्रदेश की राजसत्ता का खुला समर्थन हासिल था।इस योगी ने अपने हठ योग से हिंदुत्व का दमन करने पर उतारू इन जेहादी इस्लामी ताकतों का न सिर्फ सामना किया बल्कि अंततः इन्हें परास्त भी किया। हिंदुत्व के इस अजेय योद्धा योगी आदित्यनाथ को हमारी तरफ से हार्दिक बधाई व शुभकामना।

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