अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जे के बाद से ही अफरातफरी के बीच एक ओर जहां लोग मुल्क छोड़कर जाना चाहते हैं तो वहीं तालिबान उन्हें जाने से रोक रहा है. बीते दिनों खबरें आई थीं कि तालिबान अफगान नागरिकों को बाहर जाने से रोक रहा है. दुनिया के अलग-अलग देशों से शांति समझौता कर के वादा तोड़ने वाला तालिबान अब अपने असली रंग में आ रहा है.
अब इस्लामिक आतंकी दल तालिबान ने अपने वास्तविक चरित्र को दिखाते हुए अफगानिस्तान की मस्जिदों के इमामों को आदेश दिया है कि वो शुक्रवार यानी जुमे के दिन खास उपदेश दें. इस उपदेश में सत्ता के आदेशों का पालन करने की बातें कहीं जाएं. तालिबान ने इमामों से कहा है कि वह लोगों को ‘सरकार की बातें मानने’ यानी आदेश मानने के बारे में ‘उपदेश’ दें.
इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के इमामों को आदेश दिया था कि वे शुक्रवार की नमाज के मौके पर हमारे खिलाफ आ रही रिपोर्ट्स को नजरअंदाज करते हुए सही जानकारी लोगों को दें. इसके अलावा तालिबान ने इमामों से अपील की थी कि वे लोगों को कहें कि अफगानिस्तान छोड़कर न जाएं.
अब तालिबान ने इमामों से कहा कि आप हमारे खिलाफ चल रहे निगेटिव प्रॉपेगेंडा का मुकाबला करें और लोगों को देश छोड़ने से रोकें. दरअसल तालिबान अपनी छवि को बेहतर करने की कोशिशों में जुटा है और इसके लिए वह इमामों का भी इस्तेमाल करना चाहता है. तालिबान अफगानिस्तान में पूरी तरह से इस्लाम का शासन चाहता है और इसके लिए वह इमामों का इस्तेमाल कर रहा है.