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'हमें सरकार और उससे जुड़े हुए तंत्र पर बिल्कुल भरोसा नहीं', राजकोट गेम जोन हादसे पर गुजरात हाई कोर्ट की टिप्पणी

राजकोट गेम जोन हादसे को लेकर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है। याचिकाकर्ता और सरकार के वकील की तरफ से दलीलें पेश की जा रही हैं।

Ankur Pratap
  • May 27 2024 1:16PM

गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट गेम जोन हादसे पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। स्वत: संज्ञान लेने के बाद गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने कहा कि 28 लोगों की मौत हत्या से कम नहीं है। हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें सरकार और उससे जुड़े हुए तंत्र पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। गुजरात हाईकोर्ट ने राजकोट अग्निकांड पर 26 मई को स्वत: संज्ञान लिया था और कहा था कि यह मानव निर्मित त्रासदी हैं। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट समेत अन्य नगर निगमों के वकील मौजूद हैं।

गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है

 राजकोट गेम जोन हादसे को लेकर गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई जारी है। याचिकाकर्ता और सरकार के वकील की तरफ से दलीलें पेश की जा रही हैं। राज्य सरकार की तरफ से दोनों अपर महाधिवक्ता ने अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य सरकार में निर्माण के लिए जीडीसीआर नियमों का पालन करना होगा। किंतु, जीडीसीआर के नियम महज दिखावा हैं। इन नियमों का कभी पालन नहीं किया गया है। स्वत: संज्ञान लेने के बाद गुजरात हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने कहा कि 28 लोगों की मौत हत्या से कम नहीं है। 


28 लोगों का मरना हत्या से कम नहीं 

उन्होंने कहा कि राजकोट गेम जोन में भी कोई अनुमति नहीं ली गई। आवेदक के वकील निर्माण के मामले में जीडीसीआर के नियमों पर भी अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जीडीसीआर में क्या नियम हैं और किन नियमों का पालन किया जाना चाहिए। 28 लोगों का मरना हत्या से कम नहीं है। जो नियम बनाए गए हैं, उनका पालन कराने में सक्षम विभाग असफल है। क्या कदम उठाए गए? इसकी पहुंच कैसे हुई?

सिस्टम सारा पैसा इकट्ठा कर क्या करता है?

वहीं, कोर्ट ने पूछा कि यह गेमजोन कब से चालू था? आवेदक के वकील ने कहा कि 15 महीने से। याचिकाकर्ता ने कहा कि नियम किसलिए बनाए गए हैं? भरूच में आग, राजकोट में आग, सूरत में आग, अहमदाबाद में आग, अस्पताल में आग, हर जगह आग लगी हुई है। लोग मर रहे हैं। सिस्टम सारा पैसा इकट्ठा कर क्या करता है? राजकोट हादसे पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। रविवार को भी इस मामले में सुनवाई हुई।

गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा है

कल यानी रविवार को कोर्ट ने कहा था कि यह मानव निर्मित आपदा है। यह गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा है। राजकोट हादसे पर सख्त रुख अपनाते हुए हाई कोर्ट ने एक दिन में रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से जवाब मांगा था। कोर्ट ने पूछा था कि किस नियम के तहत इसका संचालन हो रहा है। राजकोट हादसे में 12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हो गई है।


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