ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनियों पर भी कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते हुए लॉकडाउन का असर दिखने लगा है. जोमैटो के बाद अब एक और ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी भी ऐसा ही कदम उठाने जा रही है. कंपनी ने सोमवार को कहा है कि वो जल्द ही 1100 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगी. जोमैटो ने कहा था कि वो भी 13 फीसदी कर्मचारियों को बाहर करेगी.
लॉकडाउन से कारोबार पर पड़ा असर
स्विगी के को-फाउंडर और सीईओ श्रीहर्षा मजेटी ने कर्मचारियों को लिखे एक ईमेल में इस बात की जानकारी दी है. मजेटी ने कहा कि यह कंपनी के लिए दुख भरा दिन है, क्योंकि हम कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने जा रहे हैं. इसके साथ ही कंपनी अपने देश भर में मौजूद किचेन को भी अस्थाई या फिर स्थाई तौर पर बंद कर रही है.
कंपनी ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि कोरोना वायरस ने हमको बुरी तरह से प्रभावित किया है. फिलहाल सरकार ने भी लॉकडाउन को बढ़ा दिया है, जिससे हमें अपनी लागत को कम करने को लेकर के यह निर्णय करना पड़ा है. हालांकि इस महामारी के चलते ऑनलाइन डिलीवरी और डिजिटल कॉमर्स के बिजनेस पर जो असर पड़ा है वो आगे चलकर थम सकता है, लेकिन कब ये किसी को नहीं पता.
कंपनी करेगी वित्तीय मदद
जिन कर्मचारियों को कंपनी से बाहर किया जा रहा है उनको तीन महीने की सैलरी दी जाएगी. यह सैलरी सभी को नोटिस पीरियड या फिर उनके बिताए गए साल से अलग होगी. कर्मचारियों ने जितने साल कंपनी में अपनी सेवाएं दी है, उसके मुताबिक हर महीने की सैलरी अलग से मिलेगी. इस हिसाब से सभी निकाले जाने वाले कर्मचारियों को तीन से आठ महीने की सैलरी मिलेगी. इसके अलावा जिन कर्मचारियों के सैलरी पैकेज में ESOPS थे, जिसमें एक साल का वेटिंग पीरियड था, उसको खत्म किया जा रहा है. अब जिन कर्मचारियों ने एक साल पूरा नहीं किया है उनको नजदीकी तिमाही के आधार पर ESOPS दिए जाएंगे.