सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों में आखिरी साल की परीक्षा आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के 6 जुलाई के सर्कुलर को बरकरार रखा है.
शीर्ष अदालत ने कहा है कि राज्यों को छात्रों को प्रमोट करने के लिए परीक्षाएं आयोजित करनी होंगी. हालांकि उसने यह भी कहा है कि राज्य, आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत महामारी के मद्देनजर परीक्षाएं स्थगित कर सकते हैं और तारीख तय करने के लिए UGC के साथ सलाह मशवरा कर सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालयों में आखिरी साल की परीक्षा के बिना छात्रों को प्रमोट नहीं किया जा सकता.
इस मामले में UGC ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को COVID-19 महामारी के बीच आखिरी साल की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित कराने के संबंध में 6 जुलाई को जारी निर्देश कोई फरमान नहीं है, लेकिन परीक्षाओं को आयोजित किए बिना राज्य डिग्री देने का फैसला नहीं ले सकते.
UGC ने कोर्ट से कहा था कि यह निर्देश ''छात्रों के फायदे'' के लिए है क्योंकि विश्वविद्यालयों को पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों के लिए एडमिशन शुरू करने हैं और राज्य प्राधिकार UGC के दिशा-निर्देशों को नजरअंदाज नहीं सकते हैं.