सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हमारे बारे में कोई पूर्व राय नहीं बनाएं. बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा जल संकट को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश द्वारा दिये गये अतिरिक्त पानी को छोड़ने के लिए हरियाणा को निर्देश देने की मांग करने वाली दिल्ली सरकार की याचिका में त्रुटियां नहीं दूर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ये बाते कही है.
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल याचिका में त्रुटियों के कारण रजिस्ट्री में हलफनामा स्वीकार नहीं किया गया.
बेंच ने कहा, आपने त्रुटियां क्यों नहीं दूर कीं? हम याचिका खो खारिज कर देंगे. पिछली तारीख पर भी त्रुटियां गिनाई गई थीं और आपने इन्हें दूर नहीं किया. आपका मामला चाहे जितना भी महत्वपूर्ण क्यों न हो, अदालत की कार्यवाही के बारे में कोई पूर्व राय नहीं बनाएं.
बेंच ने कहा, हमें कभी हल्के में नहीं लीजिये. दस्तावेजीकरण स्वीकार नहीं किया जा रहा. आपने अदालत में सीधा दस्तावेजों का पुलिंदा रख दिया और कह रहे हैं कि आप पानी की कमी से जूझ रहे हैं तथा आपने खुद ही आज एक आदेश पारित कर दिया. आप सभी तरह की तात्कालिकता जता रहे हैं और खुद आराम से बैठे हैं. सब कुछ रिकॉर्ड पर आ जाने दीजिए. हम इस पर बुधवार को सुनवाई करेंगे.
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मामले पर सुनवाई से पहले सभी दस्तावेज पढ़ना चाहता है क्योंकि अखबारों में बहुत सी चीजों की खबरें आ रही हैं. बेंच ने कहा, ''अगर हम अपने आवासीय कार्यालय में दस्तावेज नहीं पढ़ेंगे तो हम अखबारों में छपी खबरों से प्रभावित होंगे. यह किसी भी पक्ष के लिए अच्छा नहीं है.''