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मोदी के 20 साल: 7 अक्टूबर 2001 से 7 अक्टूबर 2021... जब शमशान में मोदी को आया था फोन- 'गुजरात जाओ व CM बनो'

एक किस्सा यह भी है कि सीएम चुने जाने से कुछ देर पहले तक भी नरेंद्र मोदी को यह जानकारी नहीं थी। उन्हें अचानक तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने फोन किया और उस समय मोदी एक दाह संस्कार के लिए श्मशान में खड़े थे।

Prem Kashyap Mishra
  • Oct 7 2021 8:38PM

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता में आए पूरे 20 साल हो गए हैं। आज के ही दिन 20 साल पहले मोदी ने बतौर गुजरात के मु्ख्यमंत्री अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। मोदी 12 साल से ज्यादा वक्त तक गुजरात के सीएम पद पर रहे हैं और अभी वो 7 साल से देश की पीएम की कुर्सी संभाल रहे हैं। गुजरात को संपन्न राज्य बनाने में पीएम मोदी का अहम योगदान रहा है। वहां पर उन्होंने जीत की हैट्रिक पूरी की थी। उनके "गुजरात मॉडल" की दुनिया ने भी तारीफ की थी। पीएम मोदी को 'मास लीडर' कहा जाता है और उनके नेतृत्व में जिस तरह से भाजपा ने दो बार लोकसभा चुनाव बंपर ढंग से जीते, उससे यह बात पूरी तरह से साबित हो गई कि मोदी आम से लेकर खास लोगों के बीच में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

लेकिन क्या आपको वो कहानी पता है जहाँ एकाएक प्रधानमंत्री मोदी को गुजरात में CM बनाया गया था और वो भी कैसे .... 

साल 2001 में केशुभाई पटेल से इस्तीफा ले लिया गया था। माना जाता है कि साल 2001 मे भुज में आए भयानक भूकंप के दौरान कुप्रबंधन को लेकर उनसे इस्तीफा लिया गया। कहा जाता है कि गुजरात भूकंप के बाद प्रदेश में तत्कालीन सीएम केशुभाई के खिलाफ असंतोष था। वहीं दो उपचुनावों और स्थानीय चुनाव में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में पार्टी नेतृत्व ने सीएम बदलने की सोची। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे।

नरेंद्र मोदी गुजरात से संगठन का काम करके उस दौरान दिल्ली में थे।  एक किस्सा यह भी है कि सीएम चुने जाने से कुछ देर पहले तक भी नरेंद्र मोदी को यह जानकारी नहीं थी। उन्हें अचानक तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने फोन किया और उस समय मोदी एक दाह संस्कार के लिए श्मशान में खड़े थे। वह जब अटल बिहारी वाजपेयी से मिले तो बताया गया कि उन्हें गुजरात वापस जाना है। मोदी समझ चुके थे कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की तैयारी है। 

पीएम मोदी को अचानक उस समय गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया जब पार्टी मुश्किलों से जूझ रही थी। भूकंप के बाद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के खिलाफ असंतोष पैदा होने लगा था। हालांकि, उस समय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने नरेंद्र मोदी पर भरोस दिखाया और उन्हें राज्य की कमान सौंपी। उस समय गुजरात विधानसभा चुनावों में सिर्फ डेढ़ साल का समय बचा था और मोदी के सिर पर विपक्षियों के साथ ही पार्टी के विरोधी सुरों को भी शांत करने की जिम्मेदारी थी ।

सिर्फ 18 महीने के लिए सीएम पद मिलने की वजह से अधिकांश लोगों को मानना था कि मोदी गुजरात में जीत दिलवा पाने में शायद कामयाब न रहें। उस दौरान गोधरा कांड हुआ, जिसमें 58 लोगों मारे गए थे। इसके परिणामस्वरूप गुजरात में हुई हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए। खुद नरेंद्र मोदी पर दंगे भड़काने तक के आरोप लगे। हालांकि, तमाम संशयों को पीछे छोड़ते हुए नरेंद्र मोदी एक बार फिर से गुजरात के सीएम बने। इसके बाद साल 2007 और 2012 में भी मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज की। 

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